सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण की भारतीय मध्यक्रम की तिलस्मी त्रिमूर्ति ने न्यूजीलैंड के खिलाफ हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश की है और चार नवंबर से अहमदाबाद में शुरू होने वाली तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला में कीवियों के लिये इन तीनों से पार पाना आसान नहीं होगा.
न्यूजीलैंड के लिये भारत को भारतीय सरजमीं पर हराना कभी आसान नहीं रहा है और जहां तक तेंदुलकर, द्रविड़ व लक्ष्मण का सवाल है तो उन्होंने कीवी टीम के खिलाफ स्वदेश और विदेश दोनों स्थानों पर खूब रन बटोरे हैं. तेंदुलकर के नाम पर तो इन दोनों टीमों के बीच सर्वाधिक रन बनाने का रिकार्ड भी है.
तेंदुलकर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ अब तक 19 टेस्ट मैच की 32 पारियों में 52 .07 की औसत से 1406 रन बनाये हैं जिसमें चार शतक भी शामिल हैं. द्रविड़ भी उनसे ज्यादा पीछे नहीं हैं. श्रीमान भरोसेमंद ने कीवियों के खिलाफ 12 टेस्ट की 24 पारियों में 59.90 की औसत से 1318 रन, जबकि लक्ष्मण ने सात टेस्ट की 14 पारियों में 60 .10 की औसत से 601 रन बनाये हैं.
घरेलू धरती पर इन तीनों ने न्यूजीलैंड की गेंदबाजी की बखिया उधेड़ने में कसर नहीं छोड़ी है. इसका सबूत इनका रिकार्ड है. तेंदुलकर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ भारतीय सरजमीं पर आठ मैच की 14 पारियों में 56.40 की औसत से 564 रन, द्रविड़ ने पांच मैच में 55.20 की औसत से 552 रन तो लक्ष्मण ने दो मैच में 139.50 की औसत से 279 रन जुटाये हैं.{mospagebreak}
इन तीनों ने पिछले साल न्यूजीलैंड के दौरे में भी अच्छा प्रदर्शन किया था. तेंदुलकर ने तब 344, द्रविड़ ने 314 और लक्ष्मण ने 295 रन बनाये थे. तेंदुलकर ने सबसे पहले 1990 में न्यूजीलैंड का दौरा किया था. तब उन्होंने नेपियर में 88 रन की पारी खेली थी. वह एक समय टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम उम्र का शतक जड़ने वाले बल्लेबाज बनने की स्थिति में थे लेकिन तभी डैनी मौरीसन की गेंद पर जान राइट ने उनका कैच लपक दिया.
संयोग से राइट बाद में भारतीय टीम के कोच बने. इस स्टार बल्लेबाज ने 1998 में वेलिंगटन में दूसरी पारी में 113 रन बनाकर न्यूजीलैंड की धरती पर पहला शतक जड़ा लेकिन वह भारत को चार विकेट से हारने से नहीं बचा पाये थे.
इसके एक साल बाद अक्तूबर 1999 में तेंदुलकर ने मोहाली में दूसरी पारी में नाबाद 126 रन बनाये और द्रविड़ के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिये 229 रन की भागीदारी करके भारत को हार से बचाया था. इसी श्रृंखला के अहमदाबाद में खेले गये तीसरे टेस्ट मैच में उन्होंने 217 रन बनाये थे जो टेस्ट क्रिकेट में उनका पहला दोहरा शतक था. तेंदुलकर ने पिछले साल के न्यूजीलैंड दौरे में हैमिल्टन में पहली पारी में 160 रन बनाकर भारत की दस विकेट से जीत में अहम भूमिका निभायी थी.{mospagebreak}
द्रविड़ ने हमेशा न्यूजीलैंड के गेंदबाजों का सामना करने का पूरा लुत्फ उठाया. उन्होंने 1998-99 में हैमिल्टन टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक (190 और नाबाद 103 रन) बनाये जबकि अक्तूबर 1999 में मोहाली में 144 रन की पारी खेली. कीवी टीम 2003 में जब दो टेस्ट मैच के लिये भारत दौरे पर आयी थी तो द्रविड़ ने अहमदाबाद में 222 और 73 रन की दो जोरदार पारियां खेली थी.
लक्ष्मण ने 2003 में मोहाली में न्यूजीलैंड के 630 रन के जवाब में भारत को फालोआन से बचाने के लिये जीजान लगा दी थी लेकिन उनका साथ देने वाला कोई नहीं बचा और भारत सात रन से फालोआन नहीं बचा पाया था. लक्ष्मण तब 104 रन बनाकर नाबाद रहे थे. दूसरी पारी में उन्होंने हालांकि तब नाबाद 67 रन की पारी खेलकर मैच ड्रा करवाया था जब भारत ने 18 रन पर तीन विकेट गंवा दिये थे.
इस स्टायलिश बल्लेबाज ने 2009 में नेपियर में 76 और नाबाद 124 रन की पारी खेलकर फिर से भारत को हार से बचाया था जबकि वेलिंगटन में तीसरे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में 61 रन की पारी खेली थी.
इन तीनों के अलावा गौतम गंभीर का भी न्यूजीलैंड के खिलाफ अच्छा रिकार्ड रहा है. उन्होंने केवल पिछले साल ही इस टीम का सामना किया और तीन मैच में 89 . 00 की औसत से 445 रन ठोक दिये थे. उनके साथी सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग हालांकि न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना रिकार्ड सुधारने की कोशिश करेंगे. उन्होंने अब तक कीवी टीम के खिलाफ सात मैच की 13 पारियों में 27.46 की औसत से 357 रन बनाये जिसमें 2003 में मोहाली में खेली गयी 130 रन की पारी भी शामिल है.