भारतीय छात्र नितिन गर्ग की हत्या के मामले में एक ऑस्ट्रेलियाई किशोर को अदालत ने 13 वर्ष कैद की सजा सुनाई. इस हत्या से दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों पर असर पड़ा था. किशोर के नबालिग होने के कारण उसकी पहचान जारी नहीं की गई है.
अप्रैल में उसने नितिन गर्ग हत्याकांड में हत्या तथा सशस्त्र लूटपाट के प्रयास के आरोपों में अपना गुनाह कबूल कर लिया था. मूल रूप से पंजाब के रहने वाले गर्ग की पिछले साल जनवरी में मेलबर्न में यराविले के क्रूकशनक पार्क में धारदार हथियार से उस समय हत्या कर दी गयी जब वह काम पर जा रहा था. उसके पेट में चाकू घोंप दिया गया था.
आस्ट्रेलिया की न्यूज एजेंसी एएपी ने खबर दी है कि विक्टोरिया स्टेट सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पॉल कोगहलान ने किशोर को 13 साल कैद की सजा सुनायी. इसमें उसे आठ साल बिना पैरोल के बिताने पड़ेंगे.
न्यायाधीश कोगहलान ने कहा कि यह हत्या भयानक और दुखद है. हालांकि उन्होंने कहा कि यह अवसर का फायदा उठाते हुए किया गया अपराध है. इस मामले में सजा देने को काफी मुश्किल बताते हुए न्यायाधीश ने कहा कि इन परिस्थितियों में यहां पर कोई भी विजेता नहीं है. न्यायाधीश ने कहा कि एक सक्षम युवक की हत्या हो गयी जबकि एक किशोर की जिंदगी हमेशा के लिए बदल गयी. सजा सुनाये गये किशोर ने जिस समय गर्ग पर हमला किया था उस समय उसकी उम्र साढ़े पंद्रह साल थी और वह स्नातक कर चुका था.
भारतीयों पर सलिसिलेवार हमलों के बाद हुई हत्या की यह घटना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुखिर्यों में छा गई थी और आस्ट्रेलिया में रह रहे भारतीय छात्रों के मन में डर पैदा हो गया था. इसे लेकर भारत में रोष उत्पन्न हो गया था और पुलिस प्रशासन पर इस मामले को सुलझाने का जबर्दस्त दबाव था.