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'तेलंगाना पर जबरन समाधान नहीं थोपेगा केंद्र'

गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि तेलंगाना के मुद्दे पर आंध्रप्रदेश में सभी राजनीतिक दल विभाजित हैं और केन्द्र उन पर जबरन कोई समाधान नहीं थोप सकता है.

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पी चिदंबरम
पी चिदंबरम

गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि तेलंगाना के मुद्दे पर आंध्रप्रदेश में सभी राजनीतिक दल विभाजित हैं और केन्द्र उन पर जबरन कोई समाधान नहीं थोप सकता है. चिदंबरम ने कहा कि आंध्रप्रदेश में राजनीतिक दल अजीब स्थिति में फंसे हुए हैं.

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सबके भीतर तेलंगाना के मुद्दे पर विभाजन है. कांग्रेस, तेलगु देशम, भाकपा और माकपा सभी विभाजित हैं. एक अकेली पार्टी भाजपा है जो विभाजन नहीं होने का दावा इसलिए करती है क्योंकि उसका केवल एक सदस्य सांसद है.

उन्होंने कहा, चूंकि राजनीति दलों के भीतर इस मुद्दे पर विभाजन है इसलिए ‘जनता का प्रतिनिधित्व करने वाली पार्टियों पर हम कोई समाधान नहीं थोप सकते हैं’ गृह मंत्री ने कहा, जहां तक कांग्रेस पार्टी का सवाल है, उसमें एकता लाने और ऐसा समाधान खोजने के प्रयास हो रहे हैं जो सभी कांग्रेसी सांसदों और विधायकों को स्वीकार्य हों.

उन्होंने कहा कि अन्य राजनीतिक दलों को भी इस तरह के प्रयास करने चाहिए. मिसाल के तौर पर तेलगु देशम को भी ऐसा करना चाहिए. वह सभी तेलगु देशम सदस्यों में एकता लाकर सभी को स्वीकार्य समाधान खोजे.

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चिदंबरम ने कहा, ‘यह कहना बहुत आसान है कि आपने कोई समाधान नहीं खोजा, लेकिन हमसे जो भी यह शिकायत करता है कि हमने समाधान नहीं खोजा, खुद उसके पास भी कोई समाधान नहीं है.’

पृथक तेलंगाना राज्य बनाने की घोषणा करके उससे पीछे हट जाने के अपने उपर लगाए जा रहे आरोपों का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि गृह मंत्री के तौर पर उन्होंने सरकार की ओर से नौ दिसंबर 2009 को एक घोषणा की.

उसके बाद आंध्रप्रदेश के कुछ क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन फूट पड़ने पर सरकार ने अपने रूख पर पुनर्विचार किया और मैंने 23 दिसंबर को उसके आधार पर दूसरा बयान दिया.’

उन्होंने कहा, ‘मैं सरकार की ओर से बोल रहा था.अगर कोई ऐसा सोचता है कि गृह मंत्री एकतरफा तौर पर कोई बयान दे सकता है और फिर उसे वापस ले सकता है तो वह नादान है.’

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