scorecardresearch
 

दूरसंचार घोटाला: सुखराम ने मांगी सजा में रियायत

पूर्व दूरसंचार मंत्री सुखराम ने दिल्ली की एक अदालत से अपनी उम्र के आधार पर सजा में रियायत की मांग की जबकि सीबीआई ने उन्हें ‘आदतन अपराधी’ करार देते हुए उन्हें अधिकतम सजा देने की मांग की है.

Advertisement
X

पूर्व दूरसंचार मंत्री सुखराम ने दिल्ली की एक अदालत से अपनी उम्र के आधार पर सजा में रियायत की मांग की जबकि सीबीआई ने उन्हें ‘आदतन अपराधी’ करार देते हुए उन्हें अधिकतम सजा देने की मांग की है.

Advertisement

सुखराम (86) को वर्ष 1996 में एक निजी फर्म को ठेका देने के लिए तीन लाख रूपये की रिश्वत लेने का दोषी ठहराया गया है. उन्हें पीवी नरसिंह राव मंत्रिमंडल में दूरसंचार मंत्री रहते हुए अपने आधिकारिक पद का दुरूपयोग कर एक निजी कंपनी हरियाणा टेलीकॉम लिमिटेड (एचटीएल) को पॉलीथीन इन्सुलेटेड जेली फिल्ड (पीआईजेएफ) के 3.5 लाख कंडक्टर किलोमीटर (एलसीकेएम) केबल की दूरसंचार विभाग को आपूर्ति के लिए 30 करोड़ रूपये का ठेका देने का दोषी ठहराया गया है.

उन्हें भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत बृहस्पतिवार को दोषी ठहराया गया. इन प्रावधानों के तहत उन्हें अधिकतम सात साल की सजा हो सकती है. अदालत सजा पर अपना फैसला दोपहर दो बज कर तीस मिनट पर सुना सकती है.

सुखराम की ओर से उनके वकील ने विशेष न्यायाधीश आर सी पांडेय से कहा ‘‘मेरी उम्र 86 साल है और मैं पिछले 12 से 13 साल से सुनवाई का सामना कर रहा हूं. उम्र अधिक होने के कारण मुझे बीमारियां हैं और मेरी पत्नी का देहांत हो चुका है. इसलिए मेरी सजा में रियायत बरती जाए.’

Advertisement
Advertisement