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कोलंबो टेस्‍ट: तेंदुलकर ने रखी भारत की लाज, 48वां शतक ठोका

कोलंबो टेस्‍ट में सचिन तेंदुलकर ने शानदार बल्‍लेबाजी का प्रदर्शन करते हुए शतक पूरा कर लिया है. टेस्‍ट कॅरियर में यह उनका 48वां शतक है. अपनी इस पारी में सचिन ने 13 चौके और एक छक्‍का भी लगाया.

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शतकों के बादशाह सचिन तेंदुलकर (नाबाद 108) ने अपनी करिश्माई बल्लेबाजी का शानदार नजारा पेश करते हुए बुधवार को 48वां सैकड़ा जड़कर श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में भंवर में फंसी भारतीय नैया को लगभग सुरक्षित जगह पर पहुंचा दिया.

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वीरेंद्र सहवाग (99) केवल एक रन से शतक से चूक गये और मध्यक्रम लड़खड़ाने से भारत का स्कोर चार विकेट पर 241 रन हो गया. तेंदुलकर एक छोर पर डटे रहे और उन्हें अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे सुरेश रैना (नाबाद 66) के रूप में अच्छा साथी मिला जिनके साथ उन्होंने पांचवें विकेट के लिये 141 रन की अटूट साझेदारी की है. इन दोनों की साहसिक पारियों से भारत ने तीसरे दिन का खेल समाप्त होने पर चार विकेट पर 382 रन बनाये.

तीन मैच की श्रृंखला में 0-1 से पीछे चल रहा भारत अब श्रीलंका से 260 रन पीछे हैं और उसे फॉलोऑन बचाने के लिये 61 रन चाहिए लेकिन तेंदुलकर और रैना डटे हुए हैं. तेंदुलकर ने फिर से चमकदार पारी खेली तो रैना की भी तारीफ करनी होगी जिन्होंने अपने आदर्श बल्लेबाज के साथ पूरे दमखम के साथ दूसरा छोर संभाले रखा. तेंदुलकर ने अब तक 181 गेंद का सामना करके 14 चौके और एक छक्का जमाया है जबकि रैना की 133 गेंद की पारी में आठ चौके शामिल हैं. {mospagebreak}

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सुबह सहवाग और मुरली विजय (58) ने शुरुआती डेढ़ घंटे में पूरी सहजता से गेंदबाजों का सामना किया लेकिन 29 गेंद और आठ रन के अंदर तीन विकेट गंवाने से भारत बैकफुट पर चला गया. सहवाग जहां 99 रन पर आउट होने वाले भारत के सातवें बल्लेबाज बने वहीं विजय अर्धशतक पूरा करने के बाद अधिक देर नहीं टिक पाये और राहुल द्रविड़ (3) लगातार तीसरी पारी में असफल रहे.

श्रीलंका की तरफ से दोनों स्पिनर अजंता मेंडिस और सूरज रणदीव ने दो-दो विकेट लिये. भारत ने सुबह बिना किसी नुकसान के 95 रन से आगे खेलना शुरू किया. सहवाग ने दिन के दूसरे ओवर में ही दिलहारा फर्नांडो की गेंद पर दो चौके जमाये लेकिन इसके बाद उन्होंने भी संभलकर खेलने को तरजीह दी. दिल्ली का यह बल्लेबाज जब 89 रन पर था मेंडिस की गेंद पर तिलन समरवीरा ने बैकवर्ड प्वाइंट क्षेत्र में उनका आसान कैच छोड़ा.

सहवाग हालांकि इसका फायदा उठाने में नाकाम रहे. जब सब कुछ भारत और सहवाग के पक्ष में जा रहा था तब इस आक्रामक सलामी बल्लेबाज ने श्रीलंका को अपना विकेट इनाम में दिया. संगकारा ने रणदीव को आक्रमण पर लगाया. सहवाग उनकी पहली गेंद ही छह रन के लिये भेजने के प्रयास में पूरी तरह चूक गये और प्रसन्ना जयवर्धने ने उन्हें आसानी से स्टंप आउट कर दिया. सहवाग ने विजय के साथ पहले विकेट के लिये 165 रन की साझेदीरी और इस दौरान 101 गेंद खेलकर 15 चौके लगाये. {mospagebreak}

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भारत अभी इस झटके से उबर पाता कि मेंडिस ने अपने अगले ओवर में विजय को गुगली से गच्चा दे दिया जो उसे खेलने के लिये बैकफुट पर गये लेकिन उन्हें एलबीडब्ल्यू होकर पवेलियन लौटना पड़ा. विजय की 124 गेंद की पारी में आठ चौके शामिल हैं. द्रविड़ से टीम को काफी भरोसा था लेकिन क्रीज पर उतरने के बाद उनका पहला शाट आत्मविश्वास से भरा नहीं था. इसके बाद उन्होंने हालांकि सहज होने की कोशिश की लेकिन रणदीव ने लंच से ठीक पहले उन्हें एलबीडब्ल्यू करके भारत को भंवर में फंसा दिया.

लक्ष्मण दूसरी तरफ कुछ विषम परिस्थितियों से गुजरने के बाद धीरे-धीरे पारी आगे बढ़ा रहे थे लेकिन तभी मेंडिस ने अपने इस प्रिय शिकार को गुगली के जाल में उलझा दिया. लक्ष्मण इस गेंद को आगे बढ़कर खेलना चाहते थे लेकिन चूक गये और अंपायर ने एलबीडब्ल्यू की जोरदार अपील पर उंगली उठा दी. यह छठा अवसर है जबकि यह हैदराबादी बल्लेबाज मेंडिस का शिकार बना.

तेंदुलकर ने हालांकि जीवनदान का पूरा फायदा उठाया और इसके बाद पूरे अधिकार से बल्लेबाजी की. उन्होंने रणदीव की गेंद पर लांग आन पर छक्का जड़कर अपनी रनसंख्या 50 रन के पार पहुंचायी तथा इसके बाद इसी गेंदबाज के अगले ओवर में लगातार दो चौके जमाये. तेंदुलकर ने रणदीव की गेंद पर ही स्वीप शाट खेलकर अपना 48वां शतक पूरा किया. यह उनका श्रीलंका के खिलाफ नौवां शतक है और वह फिर से इन दोनों टीमों के बीच सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गये हैं.

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रैना पर शुरू में पहली बार टेस्ट पारी खेलने का दबाव दिखा लेकिन वह जल्द ही इससे उबर गये. मेंडिस की एलबीडब्ल्यू की एक दो विश्वसनीय अपीलों से बचने के बाद बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने कई जानदार स्ट्रोक खेले. उन्होंने धम्मिका प्रसाद पर लगातार दो चौके जड़कर अपना आत्मविश्वास जगाया और रणदीव की गेंद को खूबसूरत कवर ड्राइव से चार रन के लिये भेजकर अर्धशतक पूरा किया.

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