भारत पाकिस्तान के बीच फिर से शुरू हुई संवाद प्रक्रिया को आतंकवाद का ग्रहण लग सकता है और मुंबई जैसी घटना की पुनरावृत्ति इस नाजुक प्रक्रिया को बाधित कर सकती हैं.
सूत्रों ने बताया कि बुधवार की सचिव स्तर की वार्ता से लेकर गृह और विदेश मंत्रियों की बैठक एक नाजुक प्रक्रिया का हिस्सा हैं और आतंकी हमला होने पर ये बाधित हो सकते हैं. भारत सरकार के उच्च स्तर की सोच से मेल खाते हुए सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों को पुर्न संवाद में काफी प्रगति करनी होगी और इस प्रक्रिया में मुंबई जैसी घटना को शामिल करना होगा. सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान में लश्कर के आपरेशन्स कमांडर और मुंबई हमलों के षडयंत्र के आरोपी जकीउर रहमान लखवी सहित सात संदिग्धों के खिलाफ चल रही सुनवाई से भारत संतुष्ट नहीं है.
एक सूत्र ने कहा कि पाकिस्तान सरकार सुनवाई को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं दिखती. रावलपिंडी के अदियाला जेल में आतंकवाद निरोधी अदालत में पिछले साल शुरू हुई सुनवाई विवादों और प्रक्रियात्मक देरी की शिकार रही है. दो बार न्यायाधीश को बदला गया और लखवी के वकील ने उसकी रिहाई के लिए कम से कम सात याचिकाएं दायर की जिसमें अभियोजन पक्ष द्वारा तैयार मुकदमें को चुनौति दी गई और सुनवाई को दूसरी अदालत में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया.