शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने अन्ना हजारे और उनके सहयोगियों पर निशाना साधते हुए उन्हें बढ़ती हुई महंगाई के कारण उभरी ‘कांग्रेस विरोधी भावना’ का श्रेय नहीं लेने के लिए कहा है.
ठाकरे ने कहा, ‘बढ़ती हुई महंगाई ने कांग्रेस नीत सरकार को हिला कर रख दिया है. उनके गठबंधन सहयोगी तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक नाराज हैं और अगर उन्होंने समर्थन वापस ले लिया, तो टीम अन्ना इसका श्रेय लेने की कोशिश करेगी.’
पार्टी के मुखपत्र सामना में एक संपादकीय लेख में उन्होंने कहा, ‘हिसार उपचुनाव के परिणामों का श्रेय लेना टीम अन्ना का पाखंड था, क्योंकि इस विधानसभा क्षेत्र में इससे पहले के चुनाव में भी कांग्रेस हारी थी.’
गौरतलब है कि अन्ना हजारे ने हाल ही में कहा था कि संसद के शीतकालीन सत्र में लोकपाल विधेयक पारित नहीं होने पर वह उन पांच राज्यों में कांग्रेस विरोधी अभियान चलाएंगे, जहां चुनाव होने वाले हैं.
इस लेख में बाल ठाकरे ने कहा, ‘कोई अपना महिमामंडन कैसे कर सकता है? उनके तरीके अनोखे हैं. वह आत्मविशलेषण के लिए अनशन करते हैं और ‘मौन व्रत’ भी रखते हैं. कभी-कभी वह नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हैं और मनमोहन सिंह व सोनिया गांधी की भी तारीफ करते हैं.’
ठाकरे ने कहा, ‘अन्ना एक देशभक्त हैं और उन्होंने रणक्षेत्र में ट्रक दौड़ा दिया है, इसलिए सभी लोगों को उनका सम्मान करना चाहिए. लेकिन इन्हीं ‘अन्ना महाराज’ ने कश्मीर मुद्दे पर राष्ट्र-विरोधी बयान देने वाले प्रशांत भूषण को अभी भी अपनी कोर समिति में रखा हुआ है.’
उन्होंने कहा, ‘केजरीवाल, बेदी, सिसोदिया वित्तीय अनियमितता के आरोपों का सामना कर रहे हैं. भूषण पिता व पुत्र की जोड़ी कश्मीर पर राष्ट्रविरोधी रुख अख्तियार किए रहने के बावजूद अन्ना के प्रिय बने हुए हैं.’ इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘मैं हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का विरोधी नहीं हूं, लेकिन दिखावे और पाखंड में विश्वास नहीं करता.’