शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे एक बार फिर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी सरकार पर बरस पड़े हैं. पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में उन्होंने बेहद आक्रामक संपादकीय लिखा है. लेख में मनमोहन सिंह के साथ-साथ सोनिया गांधी और उनके परिवार पर भी सवाल उठाए हैं.
पीएम के भाषण पर साधा निशाना
बाल ठाकरे ने हवाला दिया है पीएम के उस भाषण का जिसमें उन्होंने एफ़डीआई और डीज़ल-गैस की क़ीमतों को देश की आर्थिक सेहत के लिए ज़रूरी बताया था. उन्होंने लिखा है कि मनमोहन सिंह ने ग़रीबों का चूल्हा बुझा दिया है. देश के नाम पीएम के संबोधन को बाल ठाकरे ने हास्यास्पद भाषण कहा है.
पीएम के चर्चित भाषण को लेकर कई चुटीले सवाल
पैसे पेड़ पर नहीं उगते तो फिर कहां उगते हैं...बाल ठाकरे ने अपने लेख में पीएम के चर्चित भाषण को लेकर कई चुटीले सवाल पूछे हैं जो दरअसल सवाल नहीं बल्कि सवालों की शक्ल में कांग्रेस राज में सामने आए घोटालों पर हमला है.
बाल ठाकरे ने पूछा है कि क्या पैसा कोयला खदानों में उगता है, क्या पैसा बोफोर्स घोटाले में उगता है, क्या पैसा 2 जी स्पेक्ट्रम और स्विस बैंक में उगता है. क्या पैसा कॉमनवेल्थ गेम्स में उगता है.
बाल ठाकरे ने लिखा है कि दरअसल कांग्रेस के राज में चारो तरफ़ घोटालों के पेड़ उग आए हैं जिनकी जड़ें बहुत गहरी हैं. लेकिन सरकार उन पेड़ों को उखाड़ने की जगह जनता को ही जड़ से उखाड़ देना चाहते हैं.
खाद्य सुरक्षा बिल को बताया फिजूल खर्चीउन्होंने सवाल उठाया है कि जब मनमोहन सिंह अपनी सरकार में शामिल ममता बनर्जी को नहीं समझा सके तो देश की जनता को किस मुंह से समझा रहे हैं. उन्होंने अपने लेख में ये भी लिखा है कि देश की जनता आख़िर महंगाई का बोझ क्यों सहे जबकि सरकार फ़िज़ूल के काम करती जा रही है.
बाल ठाकरे ने खाद्य सुरक्षा का हवाला देते हुए पूछा है कि अगर सरकार के पास पैसे नहीं हैं तो फिर फ़िज़ूलखर्ची क्यों की जा रही है. खाद्य सुरक्षा क़ानून के लिए 1 लाख 35 हज़ार करोड़ रुपए कहां से आएंगे. अपने लेख में उन्होंने गांधी परिवार और सोनिया के रिश्तेदार रॉबर्ट वाड्रा पर भी सवाल उठाए है.