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सीबीआई ने कहा, आरुषि मर्डर केस में पंजाब से जुडे़ हैं हत्‍यारों के तार

आऱुषि हत्याकांड में सीबीआई ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में किया गया है एक अहम खुलासा. सीबीआई का दावा है कि आरुषि के हत्यारों के तार पंजाब से जुड़े हुए हैं.

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आऱुषि हत्याकांड में सीबीआई ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में किया गया है एक अहम खुलासा. सीबीआई का दावा है कि आरुषि के हत्यारों के तार पंजाब से जुड़े हुए हैं.

सीबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि 16 मई 2008 को आरुषि और हेमराज के कत्ल के बाद 17 मई को हेमराज के मोबाइल की लोकेशन पंजाब मिल रही थी. यानि पंजाब से जुड़े हैं कातिलों के तार.

सीबीआई ने एक औऱ अहम बात रिपोर्ट में लिखी है कि आरुषि का कातिल जो भी है वो घर में ही मौजूद है. देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी, देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री के सामने घुटने टेक दिए. बुधवार को बेहद खामोशी से सीबीआई ने इस कत्ल को फाइलों में दफन कर दिया.

सीबीआई की तरफ से जांच अधिकारी ने कबूल किया कि इस कत्ल की तफ्तीश में सीबीआई को हर कोशिशों के बावजूद सबूत नहीं मिल सके. सूत्रों के मुताबिक सीबीआई ने तीन महीने पहले आरुषि के पिता राजेश तलवार पर शिकंजा कसना शुरू किया था लेकिन खामोशी से जांच की इस दिशा से मुड़ गयी.

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इस केस में शक की सुई पिता राजेश तलवार की तरफ भी घूमी थी. हालांकि केस बंद होने पर राजेश तलवार ने दुख जताया है.पिछले दो सालों में आरुषि हत्याकांड में एक के बाद एक खुलासे होते चले गए.{mospagebreak}

16 मई, 2008 की रात नोएडा के जलवायु विहार में 14 साल की आरुषि की बेडरूम में धारदार हथियार से हत्या कर दी गयी थी. आरुषि के पिता ने एफआईआर में कातिल के तौर पर अपने नौकर हेमराज को नामजद कराया. लेकिन अगले ही दिन हेमराज की लाश घर की छत पर मिली.

नोएडा पुलिस ने अपनी जांच में आरुषि के पिता डॉ राजेश तलवार को कातिल ठहराया और गिरफ्तार करके जेल भेज दिया. यूपी की मुख्यमंत्री मायावती ने जांच सीबीआई को सौंपी ने और एजेंसी ने यूटर्न लेते हुए हत्या का दोष तलवार के कंपाउंडर कृष्णा पर मढ़ दिया.

चौंकाने वाली बात है कि अदालत में हथियार बरामद ना होने की वजह से राजेश तलवार के साथ-साथ कृष्णा और उसके साथियों को जमानत दे दी गई. दिल्ली पुलिस ने आरुषि का मोबाइल फोन भी बरामद किया. सीबीआई ने मीडिया के दबाव में बार-बार जांच अधिकारियों की बदला लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात.

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