आने वाले दिनों में डीजल और महंगा हो सकता है. सरकार का वित्तीय घाटा जल्द कम हो इसके लिए वित्त मंत्रालय ने कुछ समय पहले विजय केलकर की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की एक समिति बनाई थी. समिति की सबसे अहम सिफारिश ये है कि डीजल, रसोई गैस और मिट्टी से सब्सिडी खत्म की जाए. अगर सरकार ये सिफारिशें मान लेती है तो महंगाई आम आदमी को निचोड़ लेगी.
आर्थिक सुधारों के नाम पर आम आदमी को एक बार फिर निचोड़ने की तैयारी कर रही है मनमोहन सरकार. महंगाई से परेशान जनता को एक बार फिर लग सकता है जोरदार झटका. आने वाले दिनों में डीजल और गैस के दामों में बढ़ोतरी के कयास लगाए जा रहे हैं.
केलकर समिति ने दिए हैं सुझाव
दरअसल, सरकार का घाटा कम करने के उपाय ढूंढने वाली केलकर समिति ने सिफारिश की है कि डीजल के दामों में तुरंत 4 रुपये का इज़ाफा किया जाना चाहिए.
समिति की सिफारिश है कि 2013 तक डीज़ल पर से आधी सब्सिडी खत्म कर देनी चाहिए. और बाकि आधी सब्सिडी 2014 तक खत्म की जानी चाहिए. यानी 2014 तक डीजल के दामों में भारी इज़ाफा हो सकता है.
समिति ने 2014 तक रसोई गैस पर से सब्सिडी खत्म करने की भी सिफारिश की है. समिति का मानना है कि रसोई गैस की कीमत में तुरंत 50 रुपये की बढ़ोतरी की जानी चाहिए. समिति ने केरोसिन तेल के दाम भी दो रुपये बढ़ाने की सिफारिश की है.
केलकर कमेटी की सिफारिशों पर आम आदमी से राय मांगी गई है. लेकिन अगर सरकार इन सिफारिशों को मान लेती है, तो तय मानिए आने वाले दिनों में आम आदमी की कमर और टूटेगी.