कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने उत्तरप्रदेश में सत्तारूढ़ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि आमतौर पर हाथी घास खाता है लेकिन लखनऊ का हाथी पैसा खा रहा है.
प्रदेश के पांच दिवसीय दौरे के अंतिम दिन जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘मायावती ने लखनऊ में जादू कर दिया है. आमतौर पर हाथी घास खाता है लेकिन लखनऊ का हाथी पैसा खाता है. यह पैसा दिल्ली सरकार का नहीं है. लखनऊ सरकार का भी नहीं है. यह गरीबों का पैसा है. यह आप सबका पैसा है.’ राहुल ने प्रदेश के पिछड़ेपन के लिए 20 वर्षों से सत्ता में रही गैर कांग्रेसी सरकारों को जिम्मेदार ठहराया.
उन्होंने वर्ष 2004 के लोकसभा चुनावों में पार्टी को मिली कामयाबी की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘तत्कालीन सरकार ने इंडिया शाइनिंग अभियान चलाया, बंद कमरों से नारा निकाला, गांव में नहीं गये, आपने बता दिया कि हिंदुस्तान चमक नहीं रहा है. राहुल ने कहा, ‘हम आपके पास गये तो आपने बताया कि गांव में रोजगार नहीं मिलता है, शहर जाना पड़ता है. दिल्ली में हमारी सरकार भी आम आदमी की सरकार बनी. हमने मनरेगा शुरू की जिसमें प्रतिदिन 120 रूपये के हिसाब से साल में 100 दिन के काम की गारंटी है यानी हर साल 12 हजार रुपये की आमदनी.’
इसके बाद राहुल ने अपने हमले का रूख मायावती सरकार की ओर मोड़ दिया. उन्होंने कहा कि आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, असम और अन्य कांग्रेस शासित प्रदेशों में लोगों से बात कीजिए तो वे बताते हैं कि इससे अधिक फायदा किसी और योजना से नहीं हुआ. मगर 2007 में प्रदेश की सत्ता में आने पर मायावती ने कहा कि मनरेगा से कोई फायदा नहीं है.
राहुल ने कहा, ‘मायावती आपके बीच नहीं जातीं. लखनऊ में रहती हैं. हेलीकाप्टर से दौरा करती हैं इसलिए उन्हें जमीनी सचाई का पता नहीं है.’ उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों की रीढ तोड़ देने वाला उत्तरप्रदेश अब दूसरे राज्यों की ओर देख रहा है. यहां के लोग महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली जाकर उन राज्यों के विकास में अपनी मेहनत मजदूरी से योगदान करते हैं, लेकिन बदले में इन्हें क्या मिलता है.
राहुल ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश की यह हालत इसलिए हुई कि यहां लोगों ने गलत सरकारें चुनीं. यहां जो सरकारें बनीं वे एक जाति के लोगों के लिए यानी दस प्रतिशत लोगों के लिए काम करती रही. उन्होंने समाज के सभी वर्गों के लिए काम नहीं किया.’ उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश में बदलाव की जरूरत है. यहां आम आदमी की आपकी सरकार बननी चाहिये जो हर जाति, हर धर्म के लोगों के लिये काम करे.
राहुल ने मायावती सरकार को किसान विरोधी भी बताया और कहा कि किसान पूरे दिन काम करता है. पसीना बहाता है. उसकी जमीन लेकर बिल्डरों को दे दी जाती है. वे उसे उंची कीमत पर बेचते हैं लेकिन जब किसान अपना हक मांगता है तो उसे गोली खानी पड़ती है. उन्होंने कहा कि टप्पल में हक मांगा तो किसानों पर गोली चली, भट्टा पारसौल में गोली चली. हम वहां गये तो अधिकारियों ने कहा कि जो आंदोलन कर रहे थे, वे किसान नहीं नक्सली थे.
राहुल ने कहा कि प्रदेश के पिछड़ेपन के लिए गैर कांग्रेसी सरकारें जिम्मेदार हैं और दावा किया कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकर बनी तो पांच साल में तस्वीर बदल जायेगी और दस साल में कोई उत्तर प्रदेश को पहचान नहीं पायेगा.