अमेरिका ने लीबिया के शासक मुअम्मर गद्दाफी पर दबाव बढ़ाते हुए उनके शासन से जुड़ी 30 अरब डॉलर की संपत्ति जब्त करने का एलान किया है. इस बीच, यूरोपीय देशों ने लीबिया के उपर ‘नो फ्लाई जोन’ बनाने पर विचार किया है तो दूसरी ओर अमेरिकी नौसैनिक और वायुसैनिक इस अफ्रीकी देश के निकट पहुंच गए हैं.
अमेरिका के आतंकवाद और वित्तीय खुफिया मामले के कार्यवाहक उप वित्त मंत्री डेविड कोहेन ने कहा, ‘आज कम से कम लीबिया सरकार की 30 अरब डॉलर की संपत्तियां जब्त की गई हैं. यह अब तक की सबसे बड़ी जब्ती है.’ कोहेन ने कहा कि इस बारे में कोई संकेत नहीं है कि लीबियाई सरकार ने अपनी संपत्तियों का बड़ा हिस्सा हासिल करने का प्रयास किया है.
अमेरिका का मानना है कि गद्दाफी की सत्ता को समाप्त करने के लिए ‘निर्वासन’ भी एक विकल्प साबित हो सकता है. राष्ट्रपति बराक ओबामा की टीम अलग-अलग मोर्चों पर गद्दाफी को कमजोर करने के प्रयासों में जुट गई है.
गद्दाफी ने खुद का इस मामले में बचाव करते हुए विदेशी संवाददाताओं के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि उनके लोग उन्हें प्यार करते हैं और उन्हें बचाने के लिए अपनी जान भी दे देंगे. इस पर संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत सुजैन राइस ने कहा, ‘यह सीधे तौर पर उनके गलतफहमियों में पड़े होने को साबित करता है. एक तरफ वह हंसते हुए अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय संवाददाताओं से बात कर रहे हैं और दूसरी तरफ वह अपने ही लोगों के नरसंहार से बाज नहीं आ रहे.’ {mospagebreak}
सुजैन ने कहा, ‘इससे पता चलता है कि वह एक शासक के तौर पर कितने उचित व्यक्ति हैं और वास्तविकता से कितने दूर हैं.’ अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पी जे क्राउले ने कहा, ‘उन्हें अपने तंबू में से बाहर निकल कर देखना चाहिए कि वास्तव में उनके देश में हो क्या रहा है.’
इसके पहले अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने भी लीबिया के शासक गद्दाफी के खिलाफ कहा था, ‘लीबिया के लोगों ने अपनी बात स्पष्ट कर दी है. समय आ गया है जब गद्दाफी को बिना हिंसा और देर किए चले जाना चाहिए.’ इस बीच पेंटागन ने कहा है कि वह लीबिया की ओर नौसेना और वायु सेना को बढ़ा रहा है. पश्चिमी देश लीबिया में सेना के हस्तक्षेप की भी संभावनाएं टटोल रहे हैं.