नरेंद्र मोदी या नीतीश कुमार, कौन बनेगा प्रधानमंत्री? बीजेपी और उससे जुड़े संगठनों के नेता आए दिन कोई न कोई ऐसा बयान दे रहें हैं, जिससे बार-बार यह सवाल सामने आ रहा है.
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बिहार की तारीफ कर एक और शिगूफा छोड़ दिया है. हालांकि अब खुद मोहन भागवत इससे इनकार कर रहे हैं और बीजेपी भी सफाई देती फिर रही है.
क्या नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी से बेहतर नेता हैं. साल 2014 में होने जा रहे आम चुनाव से पहले यह सवाल एक बार फिर मजबूती के साथ सामने आ रहा है और ये सवाल उठा है संघ के प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान के चलते. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा है कि बिहार विकास के मामले में गुजरात से भी अच्छा काम कर रहा है.
विदेशी मीडिया से शुक्रवार को बातचीत में भागवत ने सुशासन के मामले में बिहार को गुजरात से आगे बताया. मोहन भागवत ने कहा है कि कभी गुजरात को लोग विकास का मॉडल मानते थे, लेकिन नीतीश के शासन वाले बिहार ने उसे चुनौती दी है.
भागवत ने बिहार की तारीफ करते हुए कहा कि जहां विकास की सारी संभावनाएं खत्म हो गई थीं, वहीं नीतीश ने बेहतरीन काम करके विकास का एक नया मॉडल पेश किया है.
जाहिर है मोहन भागवत के इस बयान के राजनीतिक मतलब निकाले जा रहे हैं. खास तौर पर तब, जबकि एनडीए के अंदर प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर घमासान है.
हालांकि संघ ने बिना देर किए मोहन भागवत के बयान पर सफाई पेश कर दी है. जाहिर तौर पर बीजेपी भी कह रही है कि मोहन भागवत के बयान का गलत मतलब निकाला जा रहा है. अरुण जेटली ने अपनी पार्टी का बचाव किया है.
वैसे मोहन भागवत के बयान के बाद उठे बवंडर में भी कम से कम जेडीयू अपने दोनों हाथों में लड्डू महसूस कर रही है. पार्टी के नेता यह कहते नहीं अघा रहे हैं कि उन्हें नीतीश और बिहार के लिए सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है.
अभी कुछ ही दिनों पहले बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अपने ब्लॉग में प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी पर टिप्पणी की थी, जिसमें गैर बीजेपी उम्मीदवार की बात कही गई थी. यानी पहले आडवाणी और अब मोहन भागवत. कहने वाले कह सकते हैं कि यह नीतीश कुमार की पैरवी नहीं तो और क्या है.