दूरसंचार नियामक ट्राई ने देश भर के लिए 6.2 मेगाहट्र्ज 2जी स्पेक्ट्रम की कीमत कई गुना बढाने का सुझाव दिया है जो वित्तीय रूप में मौजूदा तथा नयी दूरसंचार कंपनियों पर बड़ा असर डाल सकता है.
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकार (ट्राई) का सुझाव है कि देश भर के लिए 6.2 मेगाहट्र्ज 2 जी स्पेक्ट्रम की कीमत को बढाकर 10,972.45 करोड़ रुपये कर दिया जाए जो फिलहाल 1.658 करोड़ रुपये है.
दूरसंचार विभाग को दी गई सिफारिशों में ट्राई ने कहा है कि देश भर के लिए प्रत्येक अतिरिक्त मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम की कीमत 4,571.87 करोड़ रुपये हो. यह शुल्क 6.2 मेगाहट्र्ज के शुरआती स्पेक्ट्रम के अतिरिक्त स्पेक्ट्रम खरीदने पर चुकाना होगा.
उल्लेखनीय है कि भारती, वोडाफोन, आइडिया, बीएसएनएल व एमटीएनएल जैसी सभी बड़ी दूरसंचार कंपनियों के पास 6.2 मेगाहट्र्ज के अतिरिक्त स्पेक्ट्रम ही हैं और नये नियमों का कार्यान्वयन उन पर भारी वित्तीय बोझ डाल सकता है.
इसी तरह भारती सहित कई कंपनियों के अनेक सर्किलों के लाइसेंस का 20 साल की अवधि पूरी होने पर नवीकरण होना है. ऐसी कंपनियों को भी लाइसेंस के नवीकरण के लिए अधिक धन देना होगा. ट्राई के अध्यक्ष जे एस सरमा ने कहा, हमने 2जी स्पेक्ट्रम कीमतों के नियमों के बारे में सिफारिशें दूरसंचार विभाग को सौंप दी हैं. रपट के अनुसार 6.2 मेगाहट्र्ज तथा 6.2 मेगाहट्र्ज से अधिक़, दोनों श्रेणियों के लिए स्पेक्ट्रम की कीमत सर्किल दर सर्किल अलग रहेगी.