बिजली की बचत करने वाले बल्ब का इस्तेमाल कर आप बिजली बिल में भले ही कुछ बचत कर लेते हैं लेकिन एक नये अध्ययन में दावा किया गया है कि जब आप इस तरह के बल्ब का इस्तेमाल करते हैं, तब इससे कैंसर फैलाने वाला रसायन निकलता है.
जर्मनी के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उर्जा की बचत करने वाले बल्ब को किसी व्यक्ति के सिर के पास अधिक समय तक जलते नहीं छोड़ देना चाहिए क्योंकि इससे जहरीला पदार्थ निकलता है. अध्ययन के मुताबिक वयस्क लोगों को इसका इस्तेमाल पढ़ाई के लिए नहीं करना चाहिए और न ही इसे बच्चे के कमरे में पूरी रात जलते छोड़ देना चाहिए.
डेली मेल में प्रकाशित खबर के मुताबिक हालांकि, इस बात से सभी लोग अवगत हैं कि बल्ब के टूटने पर इसके अंदर से पारा की नुकसानदेह मात्रा निकलती है जबकि हालिया अध्ययन में पाया गया कि इसका इस्तेमाल करने पर इससे अन्य कैंसर फैलाने वाला नुकसानदेह रसायन भी निकलता है. जर्मन अध्ययन में पाया गया कि इस तरह के बल्ब से वाष्प के रूप में रसायन निकलता है.
इस तरह के बल्ब में शामिल हानिकारक चीजों में फेनोल (द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान नाजियों ने इस जहर का इस्तेमाल हजारों लोगों को मारने के लिए किया था) और नैप्थालीन एवं स्टाइरीन शामिल है. जांच से पता चला है कि इन बल्बों को बनाने में जिन पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है, वे संभावित नुकसानों के लिए जिम्मेदार हैं.
हालांकि, विशेषज्ञ इस ताजा अध्ययन के नतीजों से पूरी तरह से सहमत नहीं हैं. पोट्समाउथ विश्वविद्यालय के डॉ. मिशेल ब्लर ने ब्रिटिश मीडिया को बताया, ‘इस जर्मन अध्ययन के समर्थन के लिए भविष्य में कुछ और स्वतंत्र अध्ययन किए जाने की जरूरत है.’