पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि उत्तरी वजीरिस्तान कबायली क्षेत्र में एकतरफा सैनिक कार्रवाई करने से पहले उसे ‘दस बार’ सोचना होगा.
‘दी एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार नेएक खबर में कयानी के हवाले से कहा, ‘अमेरिका ऐसा कर सकता है लेकिन इसके लिए उसे दस बार सोचना होगा, क्योंकि पाकिस्तान इराक या अफगानिस्तान नहीं है.’ खबर के अनुसार कल जनरल हेडक्वार्टर्स में दो संसदीय समितियों के सदस्यों को राष्ट्रीय सुरक्षा स्थिति की जानकारी देते हुए कयानी ने यह बातें कहीं. यह बैठक तीन घंटें तक चली.
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कयानी ने यह बयान तब दिया जब एक सांसद ने उनसे पाकिस्तान में लाओस और कंबोडिया की तरह अमेरिकी हमले की संभावना पर टिप्पणी करने को कहा. हालांकि ‘डॉन’ अखबार के अनुसार कयानी ने ‘उत्तरी वजीरिस्तान में शीघ्र ही एकतरफा अमेरिकी सैन्य कार्रवाई’’ की संभावना से इनकार किया है.
‘डॉन’ अखबार की खबर के अनुसार कयानी ने ऐसी संभावित स्थिति में पाकिस्तान की प्रतिक्रिया पर कुछ नहीं कहा, लेकिन उन्होंने सांसदों को यह याद दिलाया कि देश अब परमाणु शक्ति बन चुका है और उसकी तुलना इराक और अफगानिस्तान से नहीं की जानी चाहिए. उधर ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ के अनुसार कयानी ने यह माना है कि अमेरिका उत्तरी वजीरिस्तान में सैन्य कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बना रहा है.
अखबार के अनुसार कयानी ने कहा, ‘हमने अमेरिका को यह स्पष्ट कर दिया है कि हम अपनी स्थिति और क्षमताओं के आधार पर ही इस तरह की किसी कार्रवाई के समय के बारे में फैसला करेंगे. हमने उन्हें यह भी बताया कि समस्या का कारण अफगानिस्तान है.’
कयानी ने कहा, ‘अगर कोई मुझे इस बात का आश्वासन दे कि हमारी तरफ से उत्तरी वजीरिस्तान में कार्रवाई करने पर सबकुछ ठीक हो जाएगा, तो मैं त्वरित कार्रवाई करूंगा.’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने वर्ष 2010 में ही अफगानिस्तान पर अपने रुख से अमेरिकी प्रशासन को लिखित तौर पर अवगत करा दिया था, लेकिन अमेरिका ने अभी तक अपना रुख स्पष्ट नहीं किया.
एक सांसद ने ‘डॉन’ अखबार को बताया कि कयानी ने अमेरिका के उन आरोपों का खंडन किया है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में छद्म युद्ध के लिए हक्कानी समूह का इस्तेमाल कर रहा है. पाकिस्तान की अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने की ख्वाहिश संबंधी धारणा पर कयानी ने कहा, ‘जब ब्रिटेन और सोवियत संघ ऐसा करने में असफल रहे, तो पाकिस्तान से ऐसी अपेक्षा कैसे की जा सकती है? हमारे पास दूसरों के असफल कार्यों में सफल होने के लिए कोई जादू की छड़ी नहीं है.’
उन्होंने कहा कि देशों के बीच संबंध कुछ सिद्धांतों के अनुसार निर्धारित होते हैं और ‘किसी को भी इस सीमा रेखा को पार करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए.’ सैन्य अभियानों के महानिदेशक मेजर जनरल अशफाक नदीम ने इस बैठक को संबोधित किया और कयानी ने उत्तरी वजीरिस्तान के पास अमेरिकी सैन्य निर्माण से संभावित खतरे के बारे में सांसदों को अपने विचारों से अवगत कराया. नदीम ने कहा कि तालिबान अफगानिस्तान के कुनार और नूरिस्तान में पनाह लिए हुए हैं और वहीं से पाकिस्तान में हमला करते हैं.