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जापान: फुकुशिमा के परमाणु रिएक्‍टर नंबर 2 में धमाका

परमाणु खतरे से जूझ रहे जापान से एक और बुरी खबर आ रही है. फुकुशिमा के रिएक्टर नंबर 2 में भी जोरदार धमाका हुआ है. धमाका मंगलवार सुबह सवा छह बजे के आसपास हुआ.

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जापान में परमाणु खतरा
जापान में परमाणु खतरा

परमाणु खतरे से जूझ रहे जापान से एक और बुरी खबर है. फुकुशिमा के रिएक्टर नंबर 2 में भी जोरदार धमाका हुआ है. धमाका मंगलवार सुबह सवा छह बजे के आसपास हुआ.

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इस बीच फुकुशिमा के चौथे रिएक्‍टर में भी आग लगने की रिपोर्ट मिल रही है. क्योडो न्यूज के मुताबिक धमाके के बाद आसपास के इलाके में रेडिएशन का लेवल काफी बढ़ गया है. फुकुशिमा के दाईची परमाणु संयंत्र के दो रिएक्टरों में धमाके के बाद पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है, लेकिन अब फुकुशिमा संयंत्र में तीसरा धमाका हुआ है.

परमाणु संकट से जूझ रहे जापान में आखिर वही हो रहा है, जिसकी आशंका कई दिनों से जताई जा रही थी. क्योडो न्यूज के मुताबिक फुकुशीमा के दाईची परमाणु संयंत्र में तीसरे धमाके के बाद रेडिएशन का स्तर खतरनाक तरीके से बढ़ता जा रहा है.

फुकुशिमा के रिएक्टर नंबर 2 में ही सोमवार को फ्यूल रॉड के मेल्टडाउन शुरू होने की भी खबर आई. यानी रेडियोएक्टिव पदार्थों से बने फ्यूल रॉड पिघलने लगे हैं और विकिरण के बाहर फैलने का खतरा बढ़ गया है.

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एक रिएक्टर में सोमवार को पानी का स्तर दो बार काफी नीचे आ गया था, जिससे फ्यूल रॉड खुले में आ गए थे. कूलेंट के तौर पर इस्तेमाल किए जा रहे पानी का स्तर गिरने से फ्यूल रॉड का तापमान तेजी से बढ़ा, जिसके बाद जानकारों ने आशंका जताई कि मुमकिन है कि रॉड के आंशिक रूप से पिघलना शुरु हो गया हो.{mospagebreak}

अगर जापान के संकटग्रस्त तीन रिएक्टरों में फ्यूल रॉड पिघल जाते हैं, तो बड़े पैमाने पर रेडिएशन का खतरा खड़ा हो जाएगा. विकिरण की चपेट में आए लोगों की जान भी जा सकती है. कैंसर और दूसरी खतरनाक बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाएगा.

हालांकि एहतियात के तौर पर करीब तीन लाख लोगों को आसपास के इलाकों से हटा दिया गया है, लेकिन इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि विकिरण का असर काफी लंबे समय तक बना रहता है.

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