नेपाल ने यह कहते हुए एक किन्नर को पासपोर्ट जारी करने से इनकार कर दिया कि किसी किन्नर को पासपोर्ट जैसा दस्तावेज जारी करने का कोई प्रावधान नहीं है.
समलैंगिकों के अधिकारों की आवाज बुलंद करने वाले ब्ल्यू डायमंड सोसायटी के अध्यक्ष सुनील बाबू पंटा के अनुसार, 45 वर्षीय दिल कुमारी बुडुजा ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था लेकिन विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने उसे मशीन रिडेबल पासपोर्ट जारी करने से इनकार कर दिया.
ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी किन्नर ने अपनी यौन पहचान का उल्लेख करते हुए एमआरपी के लिए आवेदन किया है.
विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया,‘‘किन्नर के नाम पर पासपोर्ट जारी करने का कोई प्रावधान नहीं है. गौरतलब है कि नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2007 में किन्नरों के खिलाफ भेदभाव को समाप्त करते हुए एक ऐतिहासिक निर्णय दिया था.
पंटा ने बताया कि उत्तर पश्चिमी नेपाल के दूरवर्ती मयागदी जिले की निवासी बुडुजा पहले ही एमआरपी के लिए पांच हजार रूपये शुल्क के तौर पर जमा करा चुकी है और पासपोर्ट पाने के लिए उसने नियमों के तहत पांच सप्ताह तक इंतजार भी किया है.
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