दिवाली के दिन आप और हम अपने परिवार के साथ त्योहार का खूब आनंद लेते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आप ही के आसपास कई ऐसे लोग भी हैं जो त्योहार मना ही नहीं पाते. कारण रुपयों की तंगी नहीं है और न ही धर्म से जुड़ा कोई मामला है.
दिल्ली में रहने वाले अत्तर सिंह ने पिछले 25 वर्षों में सिर्फ एक बार अपने परिवार के साथ दिवाली मनाई है. वजह? वह यहां के अग्निशमन दस्ते में शामिल हैं और इस वजह से उन्हें दिवाली पर छुट्टी नहीं मिलती.
दक्षिणी दिल्ली के भीकाजी कामा प्लेस में तैनात इस शख्स ने कहा, 'मैं 25 वर्षों से अग्निशमन विभाग में कार्यरत हूं. इस लम्बी अवधि में मैंने सिर्फ एक बार अपने परिवार के साथ दिवाली मनाई है.'
केवल अत्तर सिंह ही ऐसे शख्स नहीं हैं जो दिवाली नहीं मना पाते. समूचे शहर में पुलिसकर्मी, अस्पताल के कर्मचारी और आवश्यक सेवा प्रदाता कर्मचारियों की बड़ी संख्या है जिन्हें दिवाली का जश्न मनाने का मौका नहीं मिल पाता.
दक्षिणी दिल्ली में हौज खास के पास के एक चौराहे पर तैनात एक कांस्टेबल ने कहा, 'हम सड़क पर ही साथी पुलिसकर्मियों के साथ दिवाली मनाया करते हैं.' उसने कहा, 'हमारे बच्चों को हमारी कमी बहुत खलती है, लेकिन वे या हम कर ही क्या सकते हैं?'
एक अन्य पुलिसकर्मी ने स्वीकार किया कि दिवाली न मनाने से उसकी भावनाएं आहत होती हैं. यह ऐसा त्योहार है जिसे सभी धर्म के लोग मनाते हैं, लेकिन वह साल-दर साल इससे वंचित रह जाता है.
एक अन्य अग्निशमनकर्मी श्याम शरण ने भी स्वीकार किया कि परिवार के साथ दिवाली न मनाने का गम उसे बहुत सताता है. उसने कहा, 'लेकिन कुछ लोगों को काम करना ही पड़ता है. हम 24 घंटे ड्यूटी पर रहते हैं.' इसी तरह अस्पतालों में काम करने वाले चिकित्सकों और नर्सों की व्यथा इनसे अलग नहीं है.
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में कार्यरत एक चिकित्सक ने कहा, 'दिवाली के दिन जलने से घायल मरीज आते रहते हैं. इस दिन कई मरीज गंभीर हालत में आते हैं, जिनके उपचार के लिए हमें परिवार से दूर रहना पड़ता है.'