राजधानी लखनऊ स्थित गोमती नदी में हजारों की संख्या में मछलियों के मरने की घटना सामने आने के बाद हड़कम्प मच गया है. जल निगम ने घटना की जांच के आदेश दिए.
राजधानी के कुड़याघाट पर हजारों मछलियां के मरने का मामला तब प्रकाश में आया जब वहां मौजूद कुछ लोगों को मछलियों को पानी में उतराए हुए देखा. बाद में मछुआरों ने जाल लगाकर मरी हुई मछलियों को बाहर निकाला. इतनी बड़ी संख्या में मछलियां कैसे मरीं, फिलहाल अभी तक इसकी कोई ठोस वजह सामने नहीं आ पाई है. जल निगम की गोमती प्रदूषण इकाई के मुख्य अभियंता राजेंद्र कुमार ने कहा, 'इतनी बड़ी संख्या में मछलियां कैसे मरीं, यह पता लगाने के लिए जांच कराई जा रही है.'
मछलियों के मरने के पीछे पानी में ऑक्सीजन की कमी की आशंका जताई जा रही है. राजेंद्र ने कहा कि जब पानी में घुलित ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है तो मछलियां मरने लगती हैं. वैसे समय-समय पर गोमती के पानी में ऑक्सीजन की मात्रा की जांच कराई जाती है.
उधर, पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि गोमती नदी का जलस्तर लगातार घट रहा है लेकिन विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहा है. पानी की कमी के चलते बहाव रुक गया है और नदी का पानी काफी प्रदूषित हो गया है. मछलियों की मौत का एक कारण प्रदूषण भी हो सकता है.
जल निगम के एक अधिकारी ने कहा कि वैसे सही कारण तो जांच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन हम फिलहाल इस बात से इंकार नहीं कर रहे हैं कि कुछ लोगों ने मछलियों को पकड़ने के लिए जान-बूझ्झकर पानी में कोई केमिकल डाल दिया हो.