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लखीसराय: नक्सलियों की खत्म हुई डेडलाइन

बिहार में नक्सलियों का आतंक अपने चरम पर पहुंच गया है. 28 अगस्त को लखीसराय के जंगलों में उन्होंने 4 पुलिसवालों को बंधक बना लिया है और अल्टीमेटम दिया है कि अगर उनके 8 साथियों को नहीं छोड़ा गया तो अंजाम बेहद बुरा होगा. इसके बाद से पीड़ित परिवारों का बुरा हाल है.

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बिहार में नक्सलियों का आतंक अपने चरम पर पहुंच गया है. 28 अगस्त को लखीसराय के जंगलों में उन्होंने 4 पुलिसवालों को बंधक बना लिया है और अल्टीमेटम दिया है कि अगर उनके 8 साथियों को नहीं छोड़ा गया तो अंजाम बेहद बुरा होगा. इसके बाद से पीड़ित परिवारों का बुरा हाल है.

बंधकों में थानाध्यक्ष अभय कुमार यादव भी हैं और पटना में उनका परिवार मुख्यमंत्री से रिहाई की अपील करने पहुंचा.लेकिन इनकी हालत देखकर किसी का भी दिल पसीज जाए.

फरीदा खान की आंखों से आंसू लगातार गिर रहे हैं. फरीदा के दिल में उठ रहा दर्द किसी का कलेजा भी तार-तार कर दे. पति अहसान खान ने देश की सेवा की कसम खाई थी और नक्सलियों के खिलाफ लोहा लेने के लिए बिहार के लखीसराय पहुंचे थे लेकिन वहां उन्हे नक्सलियों ने बंधक बना लिया. अल्टीमेटम यह मिला है कि अगर उनके 8 साथियों को रिहा नहीं किया गया तो फिर अंजाम बेहद बुरा होगा.

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रांची के मांदर से सटे गोरेगांव के अहसान खान के इस घर में छोटे-छोटे बच्चे अपने अब्बा की राह देख रहे हैं लेकिन उन्हें कौन समझाए कि उनके अब्बा की जान किस खतरे में है. फरीदा बेसुध हैं लेकिन हिम्मत जुटाकर नक्सलियों से अपने शौहर की रिहाई की भीख मांग रही है. {mospagebreak}

अहसान के पिता हाजी महरुद्दीन खान की उम्र 80 पार कर चुकी है लेकिन अपनी आंखो के सामने अपने बेटे की जान पर बनी संकट को देखकर उनका दिल का बेजार हो चुका है. हिम्मत बांधते हैं लेकिन जुबान लड़खड़ाने लगती है. इस बूढे पिता को कोई बताए कि अगर बेटे के साथ कोई अनहोनी होती है तो फिर उन्हें कंधा कौन देगा. घर में मासूम बच्चे हैं.उनकी परवरिश कौन करेगा.

अहसान खान पिछले 20 साल से बिहार मिलिट्री पुलिस की सेवा में हैं. लखीसराय के कजरा जंगल में 28 अगस्त को नक्सलियों ने उन्हें भी बंधक बना लिया है. अहसान खान के गांव में मातम का आलम है और पूरा गांव बस यही दुआ कर रहा है कि जल्द से जल्द अहसान खान नक्सलियों के कब्जे से रिहा होकर अपने बूढ़े पिता, अपनी बीवी और अपने बच्चों के सामने सकुशल लौट आएं. बंधकों में थानाध्यक्ष अभय कुमार यादव भी हैं और पटना में उनका परिवार मुख्यमंत्री से रिहाई की अपील करने पहुंचा.

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अभय जादव के साथ-साथ नक्सलियों ने 3 और पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया है. अभय यादव की पत्नी रजनी देवी और उनका पूरा परिवार सदमे हैं .अपने पिता के सिर पर लटकती तलवार से आहत उस मासूम बच्ची का दर्द देखकर यकीनन आपकी आंखों से भी आंसू निकल आएंगे. आखिर अभय यादव की बेटी ध्रुव स्वामिनी का क्या कसूर है.

लखीसराय के कजरा जंगल में 28 अगस्त को नक्सलियों ने 7 पुलिसकर्मियों को जान से मार दिया था. कहा जा रहा है कि नक्सलियों की तादाद एक हज़ार से ज़्यादा थी. नक्सलियों की यह भी मांग है कि इलाके से सुरक्षा बलों को हटा लिया जाए और कांबिंग ऑपरेशन को भी रोक दिया जाए. राज्य पुलिस ने भी भरोसा दिया है कि पुसिस अपने काम में लगी है और जल्द ही पुलिस वालों को नक्सलिय़ों के कब्जे से छुड़ा लिया जाएगा

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