वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि कई चुनौतियां के बावजूद आज भारत के लिये कुछ भी असंभव नहीं लगता है. ब्रिटेन की वॉल्वरहैंप्टन यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त करने के मौके पर प्रणव मुखर्जी ने यह उद्गार व्यक्त किये. उन्होंने कहा, ‘भारत आज ऐसे मुकाम पर है जहां उसके लिये कुछ भी करना और हासिल करना असंभव नहीं दिखाई देता.’ उन्होंने कहा कि भारतीय नेतृत्व के समक्ष आज सबसे बड़ी चुनौती नई पीढ़ी की उम्मीदों पर खरा उतरने की है.
मुखर्जी ने कहा, ‘आज सबसे बड़ी चुनौती युवा भारत की बढ़ती उम्मीदों और आकांक्षाओं पर खरा उतरने की चुनौती है और इस युवा पीढ़ी को उसके बेहतर जीवन के लिये उसे कौशलयुक्त बनाने की है.’ उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी जीवन में तेजी से आगे बढ़ने को आतुर है.
राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली को भी विश्वविद्यालय ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया. जेटली को यह उपाधि उनकी भारतीय राजनीति और भारत के लोगों के लिये की गई सेवाओं के लिये दी गई है. जबकि प्रणव मुखर्जी को यह उपाधि उनकी भारतीय समाज के लिये की गई उल्लेखनीय सेवाओं और अंतरराष्ट्रीय मामलों में उनके योगदान के लिये दी गई. इस मौके पर वोल्वरहैंपटन यूनिवर्सिटी के चांसलर लॉर्ड स्वराजपॉल भी उपस्थित थे और उन्होंने भी समारोह को संबोधित किया.