प्रमुख दूरसंचार कम्पनियों भारती एयरटेल, वोडाफोन और आईडिया सेल्युलर ने मंगलवार को प्रधानमंत्री से 3जी इंट्रा सर्किल रोमिंग (आईसीआर) मुद्दे में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया और कहा कि यदि ऐसे समझौते को अनुमति नहीं दी गई, तो सरकार को 3जी लाइसेंस शुल्क लौटा देनी चाहिए. तीनों कम्पनियों ने उन क्षेत्रों में 3जी सेवा देने के लिए एक समझौता किया है, जिन क्षेत्रों के लिए उनके पास लाइसेंस नहीं है.
दूरसंचार नियामक और दूरसंचार विभाग के प्रवर्तन विभाग ने हालांकि इस समझौते को अवैध कहा है. तीनों कम्पनियों ने प्रधानमंत्री को एक पत्र में लिखा कि ऐसी स्थिति में 3जी आईसीआर को अनुमति नहीं है, तो फिर यह समझौते का उल्लंघन है और नीलामी से पहले सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन के खिलाफ है.
कम्पनियों ने कहा कि ऐसी स्थिति में स्पेक्ट्रम की निलामी में भुगतान की गई राशि ब्याज सहित लौटाई जाए. इसके साथ ही इस पर हमारे द्वारा किए गए खर्च की भी वापसी की जाए.
पत्र पर भारती एयरटेल के अध्यक्ष और समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील भारती मित्तल, आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला और वोडाफोन समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विट्टोरियो कोलाओ के हस्ताक्षर हैं.
पत्र में कहा गया कि कम्पनी सिर्फ रोमिंग ग्राहकों को 3जी सेवा दे रही है. इसे स्पेक्ट्रम साझेदारी नहीं कहा जाना चाहिए. पत्र की एक प्रति केंद्रीय दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल को भी भेजी गई है.