बिहार में जनगणना-2011 के अनुसार कुल मकानों की संख्या 2.34 करोड़ है जो वर्ष 2001 की जनगणना के मुकाबले 43 प्रतिशत अधिक है. बिहार राज्य राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव सी अशोक वर्धन ने पटना में संवाददाताओं से कहा कि जनगणना-2011 के तहत बिहार में करायी गयी मकान गणना में कुल मकानों की संख्या 2.34 करोड है जो वर्ष 2001 की जनगणना से 43 प्रतिशत अधिक है.
उन्होंने कहा कि 15 मई से 28 जून 2010 तक प्राप्त आंकडों के मुताबिक बिहार में 77.7 प्रतिशत घर आवासीय और 23.3 प्रतिशत गैर आवासीय रूप में प्रयुक्त हैं जबकि वर्ष 2001 की जनगणना में 79.5 प्रतिशत घर आवासीय थे.
वर्धन ने बताया कि बिहार में स्कूल एवं कालेजों की संख्या में वर्ष 2001 के मुकाबले 41 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में घास-फूस, बांस लकडी, मिट्टी, प्लास्टिक, पालीथीन आदि से बनी छत के नीचे रहने वालों की संख्या में 2.7 प्रतिशत गिरावट आयी है.
वर्धन ने बताया कि बिहार में मिट्टी के फर्श वाले घरों की संख्या में भी 4 प्रतिशत की कमी हुई है और छह या उससे अधिक सदस्यों वाले परिवारों की संख्या में 9 प्रतिशत की कमी आयी है.
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार पीने के पानी के श्रोतों, स्नानघरों, शौचालय सुविधाओं, नाले-नाली के प्रबंधन, रसोई की स्थिति, जलावन के स्रोतों, टेलीविजन, कम्प्यूटर, साइकिल, मोटरसाइकिल, कार, टेलिफोन, मोबाइल फोन, इंटरनेट, बैंकिंग सुविधा के उपयोग के मानकों पर बिहार के कई क्षेत्रों में आंशिक तो कई क्षेत्रों में अच्छी प्रगति दिखायी पड़ है.