ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार को अल्टीमेटम पर रखा हुआ है. ममता ने अपने मंत्रियों के इस्तीफे की बात कही है, लेकिन खुद टीएमसी के अंदर इस मुद्दे पर मतभेद है.
पार्टी के कुछ मंत्रियों ने कहा है कि इस फैसले से आगे चलकर राज्य को दिक्कत हो सकती है.
ममता की पार्टी के कुछ मंत्रियों का विचार है कि ऐसे में जबकि राज्य को केंद्र से आर्थिक मदद की दरकार है.टीएमसी के मंत्रियों का केंद्र में बने रहना ही फायदेमंद हैं.
अब सवाल यह उठता है क्या मनमोहन सरकार को ममता और मुलायम जिस तरह से आंखें दिखा रहे हैं वो सिर्फ दिखावा है?
इस घटनाक्रम पर बीजेपी ने आरोप लगाया है कि दरअसल कांग्रेस इन पार्टियों को ब्लैकमेल करती है. कहीं न कहीं अपने स्वार्थ के चलते ये पार्टियां सरकार से चिपकी हुई हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा है कि 2014 से पहले देश में चुनाव नहीं होंगे. कांग्रेस समर्थन का जुगाड़ कर लेगी.
वहीं एफडीआई और महंगाई पर खार खाए बैठी ममता बनर्जी की मान-मनुहार का एक और दौर शुरू हो चुका है. सूत्रों के मुताबिक दीदी को मनाने के लिए ख़ुद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह उनसे बातचीत कर सकते हैं.