डीजल मूल्यवृद्धि और रिटेल में एफडीआई से नाराज ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के मंत्री आज अपना इस्तीफा दे सकते हैं. इन मंत्रियों द्वारा 3 बजे प्रधानमंत्री को अपना इस्तीफा सौंपे जाने की उम्मीद है.
उधर पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात का समय मांगा है. ममता ने गुरुवार को बताया केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार से समर्थन वापसी का पत्र राष्ट्रपति को सौंपने के लिए उन्होंने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से शुक्रवार को मुलाकात का समय मांगा है.
ममता ने कहा, 'हमने पहले ही राष्ट्रपति से समर्थन वापसी का पत्र सौंपने के लिए समय मांगा है. यदि हमें शुक्रवार का समय मिलता है तो हम शुक्रवार को ही पत्र उन्हें सौंप देंगे. लेकिन यदि हमें शुक्रवार का समय नहीं मिलता है तो हम बाद का समय मांगेंगे. हमने शुक्रवार कहा है तो इसका अर्थ शुक्रवार ही है.' उन्होंने कहा, 'हमने पहले ही निर्णय ले लिया है और इसकी घोषणा कर दी है.
दूसरी ओर गुरुवार को ही पार्टी नेता और रेल मंत्री मुकुल रॉय ने कहा कि खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई), डीजल मूल्यवृद्धि और रियायती रसोई गैस की उपलब्धता में कटौती के मुद्दे पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) से उनकी पार्टी का मतभेद उस बिंदु तक जा पहुंचा है जहां से कदम पीछ हटाने की कोई संभावना नहीं बची है. उनकी पार्टी के मंत्रियों ने शुक्रवार को अपने इस्तीफे सौंपने के लिए प्रधानमंत्री से समय मांगा है.
रॉय पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी की कमान में नम्बर दो की हैसियत रखने वाले माने जाते हैं. उन्होंने गुरुवार को कहा, 'हां, हमने प्रधानमंत्री से शुक्रवार अपराह्न् तीन बजे का समय मांगा है. हम प्रधानमंत्री कार्यालय से आश्वस्ति मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) से समर्थन वापस लेने के अपने रुख पर कायम है.
यह पूछे जाने पर कि क्या यह मुद्दा उस बिंदु तक पहुंच गया है जहां से कदम पीछे नहीं हटाया जा सकता, रॉय ने कहा, 'हां, आप ऐसा कह सकते हैं.'
ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को केंद्र सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा की थी. उन्होंने इस फैसले पर फिर से विचार करने के लिए तीन शर्तें रखी थीं. उन्होंने मांग की है कि संप्रग खुदरा कारोबार में एफडीआई की अनुमति वापस ले, डीजल के मूल्यों में तीन से चार रुपये प्रति लीटर की कमी लाए और प्रति परिवार साल में 24 रसोई गैस सिलेंडर रियायती दर पर उपलब्धता सुनिश्चित करे.
गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस के समर्थन वापस लेने से 545 सदस्यीय लोकसभा में यूपीए के सदस्यों की संख्या 273 से घटकर 254 रह जाएगी जो आधे से कुछ कम है. ऐसे में यूपीए को समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पर निर्भर रहना पड़ेगा. ये दोनों दल संप्रग को बाहर से समर्थन दे रहे हैं.