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रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी के कमरे से नेम प्लेट हटाया गया

नए रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने संसद भवन में उनके लिए आवंटित कमरे से बार बार उनकी नाम पट्टिका हटाये जाने पर विरोध स्वरूप संसद के गलियारे में अपना काम-काज किया.

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दिनेश त्रिवेदी-अंबिका सोनी
दिनेश त्रिवेदी-अंबिका सोनी

नए रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने संसद भवन में उनके लिए आवंटित कमरे से बार बार उनकी नाम पट्टिका हटाये जाने पर विरोध स्वरूप संसद के गलियारे में अपना काम काज किया.

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त्रिवेदी ने हालांकि इससे इंकार किया कि उन्होंने विरोधस्वरूप संसद के कारिडोर में काम किया. साथ ही उन्होंने इस संबंध में अपना क्षोभ जाहिर करते हुए कहा, ‘यह मेरा नहीं बल्कि 16 लाख कर्मचारियों वाले रेल मंत्रालय का अपमान है. व्यवस्था को सुनियोजित तरीके से घ्वस्त करने का काम किया जा रहा है.’

गौरतलब है कि रेल मंत्री के रूप में त्रिवेदी को संसद भवन में कमरा संख्या छह आवंटित किया गया था लेकिन बाद में इसे सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी को दे दिया गया और उनके नाम की पट्टिका हटा दी गई. त्रिवेदी ने इस विषय पर कल लोकसभा के नेता प्रणव मुखर्जी और संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल से मुलाकात की थी. इसके बाद त्रिवेदी के नाम की पट्टिका फिर से लगा दी गई थी.

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रेल मंत्री ने कहा, ‘हालांकि जब मैं आया तो मेरे नाम की पट्टिका फिर से गायब थी. यह दुखद है कि बातचीत करने के बावजूद ऐसा हुआ है. चूंकी मुझे लालू प्रसाद और अन्य महत्वपूर्ण लोगों से मिलना था तो मैं किसी दूसरे के कमरे में नहीं मिल सकता था. इसलिए कारिडोर में काम किया. इसमें विरोध की बात नहीं है.’

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यह कहे जाने पर कि यह मामला वरिष्ठता से जुड़ा होने की बात कही जा रही है, त्रिवेदी ने संवाददाताओं से कहा, ‘तब तो कोई प्रधानमंत्री का कमरा भी ले सकता है.’ उन्होंने कहा कि संसद का कमरा सांसदों की सुविधा के लिए है, मंत्रियों के लिए नहीं.

रेल मंत्री ने कहा, ‘मुझे कोई कोटा नहीं चाहिए. यह मेरी प्रतिष्ठा की बात नहीं है बल्कि मंत्रालय की गरिमा की विषय है. जब व्यवस्था को ठेस पहुंचती है तो सबको ठेस पहुंचती है.’ त्रिवेदी ने कहा, ‘व्यवस्था चलनी चाहिए.’ यह पूछे जाने पर कि क्या उनको ऐसी उम्मीद थी, मंत्री ने कहा, ‘मैं नहीं समझता कि किसी को इसकी उम्मीद थी. यह कोई जमीन की लड़ाई नहीं है.’

हालांकि बाद में संसदीय कार्य मंत्री पवन बंसल ने कहा कि रेल मंत्री को उनका कमरा मिलेगा.

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