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दो घंटे में टीबी का पता लगाने के लिए नया परीक्षण

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तपेदिक बीमारी (टीबी) की जांच की नयी पद्धति को लेकर उम्मीद जताई जिसमें दो घंटे से भी कम समय में बीमारी की पहचान होगी.

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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तपेदिक बीमारी (टीबी) की जांच की नयी पद्धति को लेकर उम्मीद जताई जिसमें दो घंटे से भी कम समय में बीमारी की पहचान होगी.

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टीबी की जांच के लिए फुली ऑटोमेटिड न्यूक्लियक एसिड एंप्लिफिकेशन टेस्ट (एनएएटी) अधिकतर रोगियों में करीब 100 मिनट के भीतर सही पहचान कर सकता है जबकि मौजूदा परीक्षणों में परिणाम जानने में तीन महीने लग जाते हैं.

डब्ल्यूएचओ के स्टॉप टीबी विभाग के निदेशक डॉ मारियो राविग्लियोने ने कहा, ‘यह नया परीक्षण वैश्विक स्तर पर टीबी की पहचान और उपचार के लिए एक मील का पत्थर है. यह उन लाखों लोगों के लिए भी नयी उम्मीद जगाता है जिन्हें टीबी का अत्यधिक खतरा है.’

एनएएटी में आधुनिक डीएनए प्रौद्योगिकी शामिल है जिसका इस्तेममाल परंपरागत प्रयोगशालाओं के बाहर किया जा सकता है. इसका इस्तेमाल सुरक्षित और सुगम भी है.

डब्ल्यूएचओ की वाषिर्क रिपोर्ट ‘वैश्विक तपेदिक नियंत्रण 2010’ के अनुसार हर रोज करीब 4700 लोग टीबी से मर जाते हैं. भारत में हर साल करीब 5 लाख लोग टीबी से मर जाते हैं और हर रोज एक हजार से ज्यादा लोग मरते हैं.

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