अमेरिका और यूरोपीय सहयोगियों की ओर से लीबिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई ‘कुछ घंटों’ में की जा सकती है तथा देश के पूर्वी हिस्से में राष्ट्रपति मुअम्मर गद्दाफी के अभियान पर रोक लगाने के लिए होने वाली कार्रवाई में कुछ मुख्य अरब देश भी शामिल हो सकते हैं.
सीएनएन ने अमेरिकी रक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारियों के हवाले से कहा कि ओबामा प्रशासन ने उड़ान वर्जित क्षेत्र लागू करने के लिए योजना तैयार कर ली है और यूरोपीय सहयोगियों के लड़ाकू विमान रविवार और सोमवार को लीबिया के हवाई क्षेत्र पहुंच सकते हैं.
लेकिन बीबीसी ने फ्रांस सरकार के प्रवक्ता फ्रैंकोस बैरोन के हवाले से कहा कि हमले कुछ घंटे में किये जा सकते हैं और फ्रांस इस कार्रवाई में हिस्सा लेगा. बीबीसी ने कहा कि ब्रिटेन, डेनमार्क और नार्वे सहित यूरोपीय संघ के अन्य देशों ने कहा है कि वे लीबियाई वायुसेना को घेरने के लिए अपनी लड़ाकू इकाइयां भेजने के लिए तैयार हैं. {mospagebreak}
अमेरिका और यूरोपीय सहयोगी देशों की ओर से सैन्य तैनाती की खबर आने के साथ ही अल जजीरा ने कहा कि गद्दाफी के वफादार सैनिकों ने मिसूराता शहर पर कब्जे के लिए पूरी ताकत से हमला शुरू कर दिया है. अरब चैनल ने कहा कि लीबियाई सेना विद्रोहियों के गढ़ माने जाने त्रिपोली से पूर्व स्थित मिसुराता शहर पर कब्जे के लिए विद्रोहियों से रातभर हुई भारी संघर्ष के बाद तोप और टैंक से गोले दाग रही है.
विद्रोहियों का दावा है कि उनका शहर पर कब्जा है. अलजजीरा ने लीबिया के सरकारी टेलीविजन चैनल के हवाले से कहा कि गद्दाफी के वफादारों ने लीबियाई राजधानी से 210 किलोमीटर दूर स्थित मिसुराता को घेर लिया है. अरब चैनल ने कहा कि और पूर्वोत्तर में अजदाबिया में भी संघर्ष जारी है और कज्जाफी के वफादार सैनिक अभी भी बेंघाजी से 90 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है और और अभी यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता कि वे आगे बढ़ने का जोखिम उठाएंगे या नहीं. {mospagebreak}
अल जजीरा ने कहा कि मिसुराता और बेंघाजी में जारी संघर्ष में कज्जाफी वायुशक्ति और हेलीकाप्टरों का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. उड़ान वर्जित क्षेत्र लागू होने से पहले नाटो ने लीबिया का 24 घंटे तक जासूसी विमान अवाक्स से सर्वेक्षण किया था. अमेरिका ने लीबियाई समुद्री तट के पास अपने युद्धपोत तैनात कर दिये हैं और ब्रिटिश सेना हवाई हमलों के लिए तैयार है.
विमान वर्जित क्षेत्र लागू करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की मंजूरी की प्रक्रिया को बेंघाजी में बाहर लगाये गए बड़े टेलीविजन पर देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए थे. एबीसी ने कहा कि अमेरिका उड़ान वर्जित क्षेत्र लागू करने के लिए अरब देशों का सहयोग चाहता है. एबीसी ने अधिकारियों के हवाले से कहा कि जार्डन, कतर और संयुक्त अरब अमीरात :यूएई: संभावित रूप से अमेरिका की इस कार्रवाई में शामिल हो सकते हैं.