संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य बने भारत ने स्थायी सदस्यता की अपनी दावेदारी को लेकर मुहिम तेज करते हुए दुनिया के शक्तिशाली राष्ट्रों के साथ बातचीत शुरू कर दी है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र मामलों से जुड़े रूस और ब्रिटेन के अधिकारी इस महीने के आखिर में दिल्ली पहुंच रहे हैं. वे अपने भारतीय समकक्षों के साथ सुरक्षा परिषद में सुधार समेत संयुक्त राष्ट्र के कई मामलों पर चर्चा करेंगे.
रूसी अधिकारी 18 जनवरी को भारत पहुंचेंगे, जबकि ब्रिटिश अधिकारी 31 जनवरी नयी दिल्ली में होंगे. अधिकारियों ने बताया कि इस मामले पर फ्रांस के साथ भी बातचीत चल रही है.
सूत्रों के अनुसार, पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि हरदीप पुरी और अमेरिकी अधिकारियों के बीच बातचीत हुई थी. आने वाले समय में रूस और ब्रिटेन के अधिकारियों का भारत आना इस बातचीत की एक कड़ी है.
अधिकारियों का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र सुधार को लेकर भारतीय विदेश सचिव निरुपमा राव और उनके अमेरिकी समकक्ष के बीच बातचीत होनी है. इस बारे में तिथियों का ऐलान होना अभी बाकी है.{mospagebreak}
सूत्रों ने बताया कि चीन ने भी कुछ दिनों पहले संयुक्त राष्ट्र से जुड़े मुद्दों पर भारत के साथ बातचीत करने में रुचि दिखाई थी, हालांकि बीजिंग के साथ इस संबंध में वार्ता के लिए कोई रूपरेखा अभी तैयार नहीं जा सकी है. सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों में से सिर्फ चीन ही एकमात्र देश है जिसने भारत की दावेदारी का खुलकर समर्थन नहीं किया है.
बीते साल भारत दौरे पर आए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने नयी दिल्ली की स्थायी सदस्यता की दावेदारी का समर्थन किया था. इससे भारत प्रयासों को और बल मिला.
पुरी के साथ वार्ता के बाद वाशिंगटन की ओर से कहा गया कि अमेरिका भारत को अंतरराष्ट्रीय मामलों में बड़ी भूमिका निभाता देखना चाहता है.
अगले महीने न्यूयॉर्क में भारत और जी-4 के तीन अन्य सदस्य देशों जापान, जर्मनी और ब्राजील के विदेश मंत्रियों की मुलाकात होने की संभावना है.