पिछले 15 साल से चले आ रहे सिलसिले को तोड़ते हुए विदेश जाने वाले प्रवासी श्रमिकों की संख्या के मामले में उत्तर प्रदेश और बिहार ने केरल और तमिलनाडु को पीछे छोड़ दिया है.
प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय के अनुसार उत्तर प्रदेश और बिहार ऐसे राज्य हैं, जहां से वर्ष 2011 में सबसे बड़ी संख्या में श्रमिक आवर्जन जांच अपेक्षित (ईसीआर) अनुमोदन के साथ विदेशों में काम करने गए.
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि दक्षिणी राज्यों में अब लोग शैक्षणिक रूप से मजबूत हो गए हैं और उन्हें ईसीआर के सहारे विदेश जाने की जरूरत नहीं रह गई, जबकि उत्तर प्रदेश और बिहार से ज्यादा से ज्यादा श्रमिक विदेशों में रोजगार के प्रति आकर्षित हो रहे हैं.
तमिलनाडु से 2006 में 1,55,631 मजदूर विदेश गए थे और 2011 में यह आंकड़ा घटकर 68,732 रह गया. दूसरी ओर बिहार में यह आंकड़ा 2006 में 36,493 से बढ़कर 2011 में 71,438 पर पहुंच गया.
केरल से पिछले वर्ष 86,783 मजदूर विदेश गए, जबकि 2006 में संख्या 1,20,083 थी. इसके विपरीत उत्तर प्रदेश से विदेश जाने वाले श्रमिकों की संख्या 2006 में 66,131 से बढ़कर 2011 में 1,55,301 हो गई.
अगर विदेश जाने वाले प्रवासियों की पसंद की बात करें तो सउदी अरब उनकी पहली पसंद बना हुआ है. 2011 में कुल 2,89,297 श्रमिक सउदी अरब पहुंचे, जबकि संयुक्त अरब अमीरात और ओमान ने क्रमश: 1,38,861 और 73,819 श्रमिकों को आकर्षित किया.