उत्तर प्रदेश की 16वीं विधानसभा के चुनाव के पहले चरण में मतदाताओं का वोट डालने का उत्साह खराब मौसम पर भारी पड़ा और इस दौर में शांतिपूर्ण ढंग से करीब 62 प्रतिशत मतदान हुआ जिसमें अभी और वृद्धि हो सकती है.
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी उमेश सिन्हा ने बताया कि दिन भर बूंदाबांदी और खराब मौसम का मतदाताओं के उत्साह पर असर नहीं पड़ा और पहले चरण में 55 विधानसभा सीटों के लिये औसतन 62 प्रतिशत वोट पड़े. उन्होंने बताया कि मत प्रतिशत में अभी वृद्धि हो सकती है क्योंकि पांच बजे तक जो मतदाता कतार में खड़े हो गये थे उनका मतदान जारी था जिसका आकलन अभी बाकी है.
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मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि पहले चरण में सीतापुर, बाराबंकी, फैजाबाद, अम्बेडकरनगर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर तथा बस्ती जिलों की कुल 55 विधानसभा सीटों के लिये मतदान हुआ और इसके साथ ही इन सीटों पर खड़े 796 पुरुषों, 65 महिलाओं तथा एक किन्नर सहित 862 प्रत्याशियों का चुनावी भाग्य इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों में बंद हो गया.
सिन्हा ने बताया कि इस चरण के चुनाव में 92 लाख 87 हजार 233 पुरुष, 77 लाख 56 हजार 551 महिला तथा 777 अन्य श्रेणी के मतदाताओं समेत कुल एक करोड़ 70 लाख 44 हजार 561 मतदाताओं में से 62 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 47 फीसद मतदान हुआ था. चुनाव आयोग द्वारा मत प्रतिशत बढ़ाने के लिये जनजागरण अभियान चलाए जाने के बीच इस चरण का मत प्रतिशत वाकई उत्साहजनक है.
दिल्ली में भी चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में 62 से 64 प्रतिशत मतदान होने की सूचना दी है. सिन्हा ने बताया कि ग्रामीण के साथ-साथ शहरी इलाकों में भी मतदाताओं में मतदान के प्रति खासा उत्साह देखा गया. ग्रामीण इलाकों में 65 प्रतिशत जबकि शहरी क्षेत्रों में करीब 55 फीसदी वोट पड़े. इस दौरान मुस्लिम महिलाओं में भी मतदान के प्रति जोश-ओ-खरोश दिखायी दिया.
उन्होंने बताया कि मतदान आमतौर पर शांतिपूर्ण रहा. कुछ स्थानों पर इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में गड़बड़ियों की शिकायतें जरूर आईं. इस दौरान करीब 25 ईवीएम बदली गयीं. सिन्हा ने बताया कि बारिश के कारण कुछ स्थानों पर मामूली असुविधा के बावजूद मतदान अपने नियत समय सात बजे से शुरू हो गया था. इन इलाकों में बीती रात से हो रही बारिश सुबह तक जारी रही जिससे शुरू में मतदान धीमा रहा लेकिन दिन चढ़ने के साथ इसमें तेजी आई. गोंडा से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार जिले के मेहनौन विधानसभा क्षेत्र के बीरपुर थलैया गांव के करीब 800 मतदाताओं ने मतदान केन्द्र स्थानांतरित किये जाने से नाराज होकर मतदान का बहिष्कार किया.
पहले चरण का मतदान स्वतंत्र, निष्पक्ष और भयमुक्त तरीके से सुनिश्चित कराने के लिये दो लाख से ज्यादा केन्द्रीय बलों तथा पुलिस के जवान तैनात किये गये थे. मतदान के लिये 13186 केन्द्र तथा 18083 मतदेय स्थल बनाए गये थे जिन पर 26725 ईवीएम का इस्तेमाल किया गया. सिन्हा ने बताया कि पहले चरण के चुनाव के लिये 2,123 संवेदनशील मतदान केन्द्रों तथा 3,423 मतदेय स्थलों को अति संवेदनशील माना गया है. वहां सुरक्षा की कमान केन्द्रीय बलों के हाथ में होगी जबकि राज्य पुलिस उनका सहयोग करेगी.
पहले चरण के चुनावों में सत्तारूढ़ बसपा को समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा. इस चरण में दो मंत्रियों, कैबिनेट मंत्री लालजी वर्मा और राज्य मंत्री संग्राम सिंह, 31 विधायकों और 15 पूर्व मंत्रियों की किस्मत का फैसला मतदाताओं ने किया.
इन चुनावों में केन्द्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा और अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पी एल पुनिया की प्रतिष्ठा दांव पर थी. ये दोनों नेता इसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. वर्मा का दांव केवल अपने संसदीय क्षेत्र की सात विधानसभा क्षेत्रों मे ही नहीं बल्कि दरियाबाद सीट पर भी था जहां से उनके पुत्र राकेश वर्मा चुनाव लड़ रहे थे. वर्मा को जहां अपनी पकड़ कुर्मी वोट बैंक पर साबित करनी है वहीं पुनिया की दलितों में साख का पता आज के मतदान से ही चलेगा.
वर्ष 2007 में हुए विधानसभा चुनावों में इन 55 सीटों में से केवल तीन कांग्रेस के पास थीं और पार्टी अपने महासचिव राहुल गांधी के करिश्मे की आस लगाये बैठी है. राहुल ने चुनाव वाले इन जिलों में तूफानी दौरा किया है और कई रैलियों को संबोधित किया है. बसपा के पास इस क्षेत्र की 30 सीटें हैं. विवादों और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी सत्तारूढ़ बसपा के लिये अपनी इन सीटों को बचाना बहुत बड़ी चुनौती है.
समाजवादी पार्टी के यहां 18 विधायक हैं और यह पार्टी यहां अपनी संख्या बढ़ाने के लिये एड़ी चोटी का जोर लगा चुकी है. बीजेपी के पास इन 55 में से केवल चार सीटें हैं और इस बार अपना प्रभाव बढ़ाने के लिये राजनाथ सिंह और कलराज मिश्र ने यहां यात्रायें भी निकालीं जो अयोध्या में खत्म हुई लेकिन बाबू सिंह कुशवाहा को भाजपा में शामिल करने के बाद पार्टी से मतदाताओं का मोहभंग होता नजर आया.
सिन्हा ने बताया कि पहले चरण में सबसे अधिक 26 उम्मीदवार बाराबंकी क्षेत्र में और सबसे कम आठ उम्मीदवार महमूदाबाद क्षेत्र में हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदान केन्द्रों पर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी रोकने के लिये 890 वीडियो कैमरे तथा 1,776 डिजिटल कैमरे भी लगाये गये थे. उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था का ब्यौरा देते हुए बताया कि इस चरण में रिजर्व कर्मचारियों सहित 83 हजार से अधिक सिविल कर्मचारी चुनाव ड्यूटी पर तैनात थे. सिन्हा ने बताया कि प्रथम चरण के लिये 1,364 सेक्टर मजिस्ट्रेट और 187 जोनल मजिस्ट्रेट तैनात किये गये जिन्होंने अपने क्षेत्र में मतदान से संबंधित गतिविधियों का जायजा लिया.
उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा दूसरे प्रदेशों के 55 वरिष्ठ अधिकारियों को सामान्य पर्यवेक्षक के तौर पर तैनात किया गया है. इसके अतिरिक्त 13 निर्वाचन व्यय पर्यवेक्षक, सात पुलिस पर्यवेक्षक, 55 सहायक निर्वाचन व्यय पर्यवेक्षक तथा 2,289 माइक्रो आब्जर्वर भी तैनात किये गये थे. उन्होंने बताया कि सभी निर्वाचन क्षेत्रों एवं उसके आसपास के इलाकों में मतदान की समाप्ति तक शराब एवं अन्य नशीले पदार्थों की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध रहा.