उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री आजम खान ने बागपत के पंचायत के उस फैसले को सही ठहराया जिसमें प्रेम विवाह पर रोक लगाया है.
यूपी के शहरी विकास मंत्री आजम खान ने कहा कि खाप के पास फैसले लेने का हक है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पंचायत द्वारा लिया गया फैसला कहीं से फरमान या फतवा नहीं है.
आजम खान ने कहा, 'भारत एक जनतांत्रिक राष्ट्र है. यहां हर किसी को जीने की आजादी है. मुझे लगता है कि खाप का यह फैसला कोई फरमान नहीं है बल्कि एक मशवरा है. इस सलाह को अमल करना वहां के लोगों पर निर्भर है.'
गौरतलब है कि दिल्ली से महज 50 किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित बागपत में मुस्लिमों की छत्तीस बिरादरियों के तथाकथित अलम्बरदारों ने फरमान जारी कर दिया कि उनके गांव की चालीस साल तक की कोई भी महिला बाजार नहीं जा पाएगी. महिलाएं गांव में घूम तो पाएंगी लेकिन इसके लिए भी उनके सिर पर पल्लू होना जरूरी है.
तालिबानी फरमान में महिलाओं के मोबाइल फोन और ईयर फोन के इस्तेमाल पर सख्त पाबंदी लगाई गई. पंचायत ने अपने तालिबानी फरमान को आगे बढ़ाते हुए प्रेम विवाह पर रोक लगाते हुए कहा कि पहले तो गांव में कोई भी प्रेम विवाह नहीं कर सकता. अगर कर लिया तो उसे गांव से निकाल दिया जाएगा, वह प्रेमी जोड़ा गांव में नहीं रह पाएगा जो अपनी पसंद से शादी करेगा. इन फरमानों को उल्लंघन करने पर पंचायत ने सजा की भी धमकी दे डाली.