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यूपी चुनावः छठे चरण में 60 फीसदी मतदान

उत्तर प्रदेश विधानसभा के छठे चरण में मंगलवार को 13 जिलों की 68 सीटों पर 60.08 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया. कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त हो गया.

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उत्तर प्रदेश विधानसभा के छठे चरण में मंगलवार को 13 जिलों की 68 सीटों पर 60.08 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया. कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त हो गया. इस तरह कुल 1103 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला इलेट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में बंद हो गया. मतगणना छह मार्च को होगी.

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इस चरण के तहत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिन 13 जिलों में मतदान हुआ, उनमें गौतमबुद्धनगर (नोएडा), गाजियाबाद, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, प्रबुद्धनगर, पंचशीलनगर, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर शामिल हैं.

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी उमेश सिन्हा ने देर शाम लखनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन में बताया, 'अभी तक की जानकारी के अनुसार छठे चरण में 60.08 फीसदी मतदान हुआ है. इसमें थोड़ा परिवर्तन संभव है.' सिन्हा ने बताया कि सबसे ज्यादा 64 फीसदी मतदान सहारनपुर जिले और सबसे कम 55 फीसदी गौतमबुद्धनगर में हुआ.

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13 में से छह जिलों में 60 फीसदी से कम मतदान हुआ. उन्होंने बताया कि पिछले चुनाव में इस क्षेत्र में करीब 47 फीसदी मतदान हुआ था, ऐसे में गत विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार करीब 13 फीसदी ज्यादा मतदान हुआ. अब तक 65 जिलों में सम्पन्न हुए छह चरणों के मतदान का औसत प्रतिशत करीब 58.48 है. सिन्हा ने कहा, 'चुनाव वाले किसी जिले से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है. कुछ जगहों पर मतदाता सूची में नाम न होने की शिकायतें सामने आईं.'

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उन्होंने बताया कि गाजियाबाद के बूथ नंबर-57 पर पुनर्मतदान कराया जाएगा, क्योंकि यहां ईवीएम से अभ्यासगत मतदान (मॉक पोल) को समाप्त नहीं किया गया, जिससे कि उसका डाटा वास्तविक मतदान में जुड़ गया. इस चरण में बुलंदशहर के सिकंदराबाद विधानसभा क्षेत्र के रिठावली गांव के लोगों ने विकास कार्य न होने से नाराज होकर मतदान का बहिष्कार किया.

शांतिपूर्ण मतदान के लिए मतदान केंद्रों पर केंद्रीय सुरक्षा बल, प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) और पुलिस व होमगार्ड के डेढ़ लाख जवान तैनात किए गए थे. हरियाणा और दिल्ली की सीमा से लगे विधानसभा क्षेत्रों में सुरक्षा की अतिरिक्त व्यवस्था की गई थी.

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अधिकारियों के मुताबिक इस चरण के लिए कुल 22,137 मतदान केंद्र बनाए गए थे. मतदान प्रक्रिया में 30,0028 ईवीएम का इस्तेमाल हुआ. सबसे ज्यादा 76 उम्मीदवार अलीगढ़ सदर विधानसभा सीट पर और सबसे कम नौ उम्मीदवार अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट पर थे. छठे चरण में 1.19 करोड़ पुरुष और 95.19 लाख महिलाओं सहित करीब 2.14 करोड़ मतदाताओं को अपने मताधिकार का उपयोग कर 86 महिलाओं सहित कुल 1103 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करना था.

इस चरण में जिन दिग्गजों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद हो गया, उसमें बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सरकार के मंत्री- रामवीर उपाध्याय, जयवीर सिंह, लक्ष्मी नारायण और धर्म सिंह सैनी के अलावा राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) प्रमुख अजित सिंह के बेटे एवं मथुरा से सांसद जयंत चौधरी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता हुकुम सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे एवं जनक्रांति पार्टी (राष्ट्रवादी) के अध्यक्ष राजवीर सिंह और पुत्रवधू प्रेमलता तथा पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी शामिल हैं.

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