उम्मीदवारों का रुझान और निर्णय करने की नैतिक क्षमता की परख के उद्देश्य से संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) 12 जून को पहली बार सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूट टेस्ट (सीसैट) का आयोजन कर रही है हालांकि इस प्रतियोगिता परीक्षा में किस प्रकार के प्रश्न पूछे जायेंगे यह अभी तक स्पष्ट नहीं है.
आयोग के अधिकारी ने कहा कि सरकार के निर्णय के अनुरूप इस वर्ष संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विसेज परीक्षा पाठ्यक्रम और स्वरूप में बदलाव किया गया है जो 12 जून 2011 को देश के 45 केंद्रों पर आयोजित किया जाता रहा है.
परीक्षा में दो पत्र होंगे जिसके तहत पहले पत्र में समसामयिक विषयों, सामाजिक विज्ञान, राजनीति, भूगोल, इतिहास, पर्यावरण, विज्ञान आदि विषयों से प्रश्न पूछे जायेंगे. उन्होंने कहा कि दूसरे पत्र में अंग्रेजी भाषा, संवाद दक्षता, तर्क शक्ति परीक्षा, निर्णय लेने की क्षमता और मानसिक दक्षता परखने से जुड़े प्रश्नों के साथ अंकगणित एवं आंकड़ों के आकलन से संबंधित प्रश्न होंगे.
लेकिन छात्रों में अभी तक इस बात को लेकर उहापोह है कि प्रश्न किस प्रकार के होंगे और इनका स्वरूप कैसा होगा. परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों का कहना है कि यूपीएससी की वेबसाइट पर नमूना प्रश्नपत्र के तौर पर मात्र 12 प्रश्न दिये गए हैं जिससे प्रश्नपत्र के स्वरूप के बारे में सही आकलन करना कठिन है. सिर्फ इतना बताया गया है कि दोनों पत्रों की आवधि दो-दो घंटे की होगी जिनका मान 200-200 अंकों का होगा.
यूपीएससी परीक्षा के बारे में कैरियर लॉन्चर के उपाध्यक्ष (अकादमी) विजय कल्याण झा ने कहा कि यूपीएससी ने सिविल सर्विसेज परीक्षा में इस बार सीसैट पेश किया है लेकिन परीक्षा के प्रश्नपत्रों का स्वरूप स्पष्ट नहीं किया गया है जिससे छात्रों में कुछ उहापोह है. केवल 12 प्रश्नों का सेट वेवसाइट पर जारी करने से छात्रों को मदद नहीं मिलेगी. उन्होंने हालांकि उम्मीद जतायी कि आयोग के पिछले 10 वर्षों के एप्टीट्यूट आधारित प्रश्नों को देखने से स्पष्ट होता है कि प्रश्न कठिन नहीं होंगे.
उन्होंने कहा कि सीसैट पेश करने से हालांकि सभी छात्रों को बराबरी का अवसर मिला है. इस संदर्भ में आयोग को अब छात्रों की बहुप्रतीक्षित मांग को ध्यान में रखते हुए ‘कट ऑफ अंक’ भी जारी करना चाहिए जैसा अमेरिका में किया जाता है.
बहरहाल, आयोग ने कहा है कि कुछ छात्रों की ओर से आवेदन पत्र पूरा नहीं भरने के कारण उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी गई थी. इस मामले में शिकायतें सामने आने के बाद आयोग ने इनकी समीक्षा की और उन उम्मीदवारों के आवेदन को स्वीकार कर लिया गया. आयोग के अनुसार, जिन छात्रों को 11 जून तक प्रवेश पत्र नहीं मिलता है, वह दो फोटोग्राफ और पहचान पत्र के साथ परीक्षा केंद्र पर उपस्थित होकर प्रवेश पत्र प्राप्त कर सकते हैं.