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अमेरिकी सेना का पाकिस्तान के साथ विश्वास बहाली पर जोर

पिछले माह एक हमले में 24 पाकिस्तानी जवानों के मारे जाने के बाद इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए अमेरिकी केंद्रीय कमान ने अफगानिस्तान सीमा पर स्थिति सभी सुविधाओं और स्थापनाओं का खुलासा किए जाने का फैसला किया है.

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पिछले माह एक हमले में 24 पाकिस्तानी जवानों के मारे जाने के बाद इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए अमेरिकी केंद्रीय कमान ने अफगानिस्तान सीमा पर स्थिति सभी सुविधाओं और स्थापनाओं का खुलासा किए जाने का फैसला किया है.

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केंद्रीय कमान के कमांडर और नौसेना के जनरल जेम्स मैटिस ने एक बयान में कहा, 'इस घटना से सबसे बड़ी सीख यह मिली है कि हमें सीमा पर समन्वय बढ़ाने की जरूरत है और इसके लिए सीमा के दोनों तरफ एक मूलभूत स्तर का विश्वास चाहिए.'

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक अफगानिस्तान में गठबंधन सेनाओं के कमांडर जॉन एलेन को उन्होंने जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी सुधारात्मक कदम उठाने का निर्देश दिया, जिससे कि एक बेहतर आपसी विश्वास का माहौल कायम हो सके.

उन्होंने व्यवस्थित तरीके से अपडेट किए गए एक कॉमन डाटा बेस व मानचित्र और निश्चित अवधि पर पारस्परिक समन्वय दौरा सहित सीमा के आसपास स्थिति सुविधाओं और स्थापनाओं का खुलासा करने की जरूरत बताई.

जनरल ने कहा, 'मित्र सेनाओं पर गलती से हमले की घटना को रोकने के लिए पाकिस्तानी सेनाओं से अधिक ताल मेल बैठाने की जरूरत है.'

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उल्लेखनीय है कि 25-26 नवंबर को अफगानिस्तान की सीमा से लगे पाकिस्तान के कबीलाई क्षेत्र मोहमांद एजेंसी में नाटो के लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों से हुए एक हमले में 24 पाकिस्तानी सेनाओं की मौत हो गई थी और 13 अन्य घायल हो गए थे.

केंद्रीय कमान ने अपनी रिपोर्ट में इस घटना का कारण बताते हुए कहा कि आपसी अविश्वास के कारण सीमा पर सहयोग और समन्वय को नुकसान पहुंचा.

इस घटना के बाद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में नाटो की आपूर्ति लाइन रोक दी थी और बलूचिस्तान प्रांत के एक महत्वपूर्ण हवाई ठिकाने से अमेरिका को अपने सैनिक हटा लेने के लिए कहा था.

करीब महीने भर चली जांच के बाद पेंटागन ने पिछले सप्ताह कहा कि नाटो सैनिकों ने आत्मरक्षा में हमला किया था और अमेरिकी और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच समन्वय नहीं होने के कारण यह घटना घटी थी.

अमेरिकी सेना द्वारा दो मई को पाकिस्तान में अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मारे जाने के बाद से अमेरिका और पाकिस्तान के सम्बंधों में कड़वाहट आ गई है.

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