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अमेरिका ने प्रतिबंध सूची से हटाया इसरो, डीआरडीओ का नाम

भारत की काफी समय से लंबित मांग पूरी करते हुए ओबामा प्रशासन ने गणतंत्र दिवस से पूर्व प्रतिबंधित कंपनियों की अपनी सूची से अंतरिक्ष एवं रक्षा संबंधी नौ भारतीय कंपनियों का नाम हटा दिया है जिनमें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान (डीआरडीओ) भी शामिल हैं.

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भारत की काफी समय से लंबित मांग पूरी करते हुए ओबामा प्रशासन ने गणतंत्र दिवस से पूर्व प्रतिबंधित कंपनियों की अपनी सूची से अंतरिक्ष एवं रक्षा संबंधी नौ भारतीय कंपनियों का नाम हटा दिया है जिनमें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान (डीआरडीओ) भी शामिल हैं.

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निर्यात नियंत्रण प्रतिबंध सूची से भारत की इन कंपनियों के नामों को हटाया जाना भारत के साथ प्रौद्योगिकी व्यापार एवं रणनीतिक सहयोग को विस्तारित करने का अमेरिकी प्रयास है. अमेरिकी वाणिज्य मंत्री गैरी लॉक ने संघीय रजिस्ट्री में एक संघीय अधिसूचना जारी होने के बाद कहा ‘यह कार्रवाई अमेरिका-भारत रणनीतिक साझीदारी को मजबूत बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर और निर्यात नियंत्रक सुधारों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक कदम है जिससे उच्च प्रौद्योगिकी व्यापार और सहयोग सुगम होगा.’

यह अधिसूचना लॉक की अगुवाई में 24 व्यवसायों वाले अमेरिकी कारोबारी प्रतिनिधिमंडल की नयी दिल्ली, बैंगलोर और मुंबई की यात्रा से पहले जारी की गई. अधिसूचना उस निर्यात नियंत्रण नीति संबंधी पहल के कार्यान्वयन की दिशा में पहला कदम है जिसकी घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आठ नवंबर 2010 को नई दिल्ली में की थी. {mospagebreak}

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प्रतिबंध सूची से जिन कंपनियों का नाम हटाया गया है, वे क्रमश: भारत डायनेमिक्स लि (बीडीएल), डीआरडीओ की चार अधीनस्थ कंपनियां, आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट स्टैब्लिशमेंट (एआरडीए), डिफेन्स रिसर्च एंड डवलपमेंट लैब (डीआरडीएल), मिसाइल रिसर्च एंड डेवलपमेंट कॉम्प्लेक्स, सॉलिड स्टेट फिजिक्स लेबोरेटॅरी तथा इसरो की चार अधीनस्थ कंपनियां, लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर, सॉलिड प्रोपेलेंट स्पेस बूस्टर प्लांट (एसपीआरओबी), श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर (एसएचएआर) और विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (वीएसएससी) हैं.

अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने एक बयान में कहा कि प्रतिबंधित सूची से हटाए जाने के बाद इन कंपनियों के लिए लाइसेंस की अनिवार्यता खत्म हो जाएगी और निर्यात के लाइसेंस के लिए इन कंपनियों के साथ भारत की अन्य कंपनियों जैसा ही व्यवहार किया जाएगा. अधिसूचना के जरिये भारत को निर्यात प्रशासनिक नियमन (ईएआर) संबंधी कई देशों के समूह से हटा दिया गया है. {mospagebreak}

इसके फलस्वरूप निर्यात के लाइसेंस की जरूरतों की अनिवार्यता समाप्त हो गई है. इसके अलावा, इस अधिसूचना से भारत ईएआर में उन देशों के समूह में शामिल हो गया है जिसमें प्रक्षेपास्त्र प्रौद्योगिकी नियंत्रण पद्धति वाले सदस्य देश हैं. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि भारत के इस संबंध में वैश्विक अप्रसार संबंधी मानकों तथा अमेरिका-भारत सामरिक साझीदारी आदि को महत्व दिया जा सके.

वाणिज्य उप मंत्री एरिक एल हायर्शहॉर्न ने बताया ‘ये परिवर्तन वैश्विक अप्रसार ढांचे को मजबूत करने के साझे लक्ष्य को लेकर भारत के साथ काम करने की अमेरिकी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं.’ भारत यात्रा के दौरान ओबामा ने नई दिल्ली को आश्वासन दिया था कि वह इन कंपनियों के नाम अपनी प्रतिबंध सूची से हटा देंगे. लॉक के नेतृत्व में अमेरिकी उद्योगपतियों का एक प्रतिनिधिमंडल छह फरवरी को उच्च प्रौद्योगिकी कारोबार मिशन पर भारत आ रहा है. प्रतिनिधिमंडल में एक्सपोर्ट इम्पोर्ट बैंक (एग्जिम) तथा ट्रेड डवलपमेंट एजेंसी (टीडीए) के वरिष्ठ अधिकारी भी होंगे.

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