अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि अमेरिका को शिक्षा, तकनीक और शोध जैसे क्षेत्रों में भारत और चीन से पिछड़ने का खतरा है क्योंकि ये देश इन क्षेत्रों में काफी निवेश कर रहे हैं.
अमेरिकी कांग्रेस की सालाना बैठक को संबोधित करते हुए ओबामा ने कहा ‘भारत और चीन जैसे देशों ने यह महसूस किया है कि कुछ बदलाव लाकर वे इस नए विश्व में प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं. इसको ध्यान में रखते हुए उन्होंने पहले से ही अपने बच्चों को शिक्षित करना शुरू कर दिया तथा गणित और विज्ञान जैसे विषयों पर ज्यादा जोर दिया है. ये देश शोध और नई तकनीक में निवेश कर रहे हैं.’
भारत का हवाला देते हुए ओबामा ने कहा कि उनके प्रशासन ने शांति और सद्भावनापूर्ण विश्व के निर्माण के लिए दक्षिण एशियाई देशों के साथ एक नई भागीदारी विकसित की है. उन्होंने भारत और चीन के साथ हाल में किए गए व्यापारिक समझौतों के बारे में भी बात की और कहा कि इससे अमेरिका में नौकरियों का सृजन होगा.
ओबामा ने कहा ‘हमने रूस के साथ अपने संबंधों को फिर से परिभाषित किया है, एशियाई गठबंधन को मजबूत किया है और भारत जैसे देशों के साथ नई साझेदारी की है.’
इस मौके पर ओबामा ने अपनी उस योजना का भी खुलासा किया जिससे भारत और चीन जैसे देशों के कारण विश्व में पैदा हुई प्रतिस्पर्धा से मुकाबले में अमेरिकी नेताओं को मदद मिलेगी. ओबामा की इस योजना के चार महत्वपूर्ण पक्ष हैं- नई खोज करना, शिक्षित करना, निर्माण करना, सुधार और उत्तरदायित्व.