अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की महत्वपूर्ण भारत यात्रा से ठीक पहले अमेरिकी प्रशासन ने पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों लश्कर ए तैयबा (एलईटी) और जैश ए मुहम्मद (जेईएम) पर प्रतिबंध लगा दिया.
अमेरिका ने 26 नवम्बर 2008 को मुम्बई में हुए आतंकवादी हमले के मुख्य साजिशकर्ता लश्कर कमांडर आजम चीमा का नाम भी प्रतिबंध सूची में डाल दिया है. एक आधिकारिक बयान में गुरुवार को कहा गया कि वित्त विभाग ने चीमा के खिलाफ कार्रवाई की है जो मुम्बई हमलों में शामिल आतंकवादियों की मदद करने का आरोपी होने के साथ ही जुलाई 2006 में हुए मुम्बई ट्रेन विस्फोटों का भी मुख्य साजिशकर्ता है.
अमेरिका की यह कार्रवाई चार दिवसीय यात्रा पर ओबामा के भारत रवाना होने से चंद घंटे पहले हुई है. भारत अमेरिका पर इस बात के लिए जोर देता रहा है कि पाकिस्तान अपने क्षेत्र से संचालित आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़े और पारदर्शी कदम उठाए.
विभाग ने दोनों आतंकवादी समूहों के वित्तीय एवं समर्थन तंत्र को निशाना बनाने के साथ ही लश्कर के राजनीतिक मामलों के विभाग प्रमुख हाफिज अब्दुल रहमान मक्की के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है. अमेरिका ने जेईएम के लिये काम करने वाले मोर्चा अल रहमत ट्रस्ट और उसके शीर्ष नेता मोहम्मद मसूद अजहर अलवी को भी निशाना बनाया है. {mospagebreak}
आतंकवाद एवं वित्तीय खुफिया मामलों के उप विदेश मंत्री स्टुअर्ट लेवेय ने कहा ‘लश्कर और जैश की निर्दोष नागरिकों पर हमले की मंशा और इच्छा साबित हुई है.’ उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई इन घातक संगठनों की वित्तीय एवं संचालन संबंधी गतिविधियों पर अंकुश की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. लश्कर को मई 2005 में आतंकवादी संघठन घोषित किया गया था.
चीमा उसकी गतिविधियों को अंजाम देने वाला प्रमुख कमांडर था. चीमा को लश्कर ए तैयबा का खुफिया प्रमुख भी बताया गया और वह संगठन की प्रशिक्षण गतिविधियों का जिम्मा संभालता था खासकर उसके सदस्यों को बम बनाने तथा भारत में घुसपैठ के गुर सिखाने का काम करता था. मुंबई पर हमला करने वाले कुछ आतंकवादियों को चीमा से प्रशिक्षण मिला था.
चीमा को 2008 में लश्कर के वरिष्ठ नेता जकीउर रहमान लखवी का संचालक सलाहकार नियुक्त किया गया. वित्त विभाग के अनुसार हाफिज मक्की के बारे में कहा जाता है कि वह लश्कर के राजनीतिक मामलों के विभाग का प्रमुख था और संगठन का विदेशी संबंध विभाग प्रमुख भी रहा. उसने लश्कर के लिये धन जुटाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. जैश ए मोहम्मद को 2002 में पाकिस्तान में प्रतिबंधित कर दिया गया तो उसने अपनी गतिविधियों के लिये अल रहमत ट्रस्ट नाम का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया.