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अफगानिस्तान से सभी 33,000 जवान हटा लेगा अमेरिकाः ओबामा

अमेरिका अगली गर्मियों तक अफगानिस्तान से सुरक्षा बलों के सभी 33,000 अमेरिकी जवानों को वापस बुला लेगा. इस प्रक्रिया की शुरूआत इस साल के अंत तक 10,000 जवानों की वापसी से होगी.

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बराक ओबामा
बराक ओबामा

अमेरिका अगली गर्मियों तक अफगानिस्तान से सुरक्षा बलों के सभी 33,000 अमेरिकी जवानों को वापस बुला लेगा. इस प्रक्रिया की शुरूआत इस साल के अंत तक 10,000 जवानों की वापसी से होगी.

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ओबामा ने व्हाइट हाउस से एक राष्ट्रीय संबोधन में कहा, ‘अगले महीने से शुरू करते हुए, हम इस साल के अंत तक अफगानिस्तान से अपने 10,000 जवानों को वापस बुला लेंगे. हम अगले साल गर्मियों तक अपने सभी 33,000 जवानों को घर वापस ले आएंगे, जैसी कि हमने दिसंबर 2009 में घोषणा की थी.’

उन्होंने कहा, ‘इस शुरुआती कटौती के बाद हमारे सुरक्षा बल तेजी से अपने घर लौटने लगेंगे क्योंकि अफगान सुरक्षा बल अपने देश का नेतृत्व संभालेंगे. हमारा अभियान जंगी से बदल कर सहयोगात्मक हो जाएगा. 2014 तक सत्ता हस्तांतरण की यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और अफगान नागरिक अपनी सुरक्षा का जिम्मा पूरी तरह संभाल लेंगे.’

अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस बात पर भी जोर दिया कि अल-कायदा पर इस समय जितना दबाव है, उतना 09/11 के बाद से कभी नहीं रहा और अमेरिका ऐसे समय में अफगानिस्तान से अपने सुरक्षा बल हटाने की प्रक्रिया शुरू कर रहा है, जब वह अपेक्षाकृत बहुत मजबूत स्थिति में है. ओबामा ने कहा, ‘पाकिस्तानियों के साथ मिलकर हमने अल-कायदा के आधे से ज्यादा नेतृत्व को समाप्त कर दिया है. हमारे विशेष बलों और खुफिया पेशेवरों की बदौलत हम अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मार सके.’

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अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि लगभग 10 साल पहले अमेरिका पर, पर्ल हार्बर के बाद से ‘सबसे खतरनाक हमला’ हुआ.

उन्होंने कहा, ‘इन सामूहिक हत्याओं की साजिश लादेन और अफगानिस्तान में बैठे उसके आतंकी नेटवर्क ने रची, जिसने हमारी सुरक्षा के प्रति नए खतरे का संकेत दिया.’ ओबामा के मुताबिक, ‘इसके बाद हमने अल-कायदा पर प्रहार किया, हमारा देश इसके लिए एकजुट हो गया. फिर हमारा ध्यान दूसरी जगह पहुंचा. इराक में एक दूसरी जंग शुरू हुई और हमने वहां नई सरकार को समर्थन देने में बहुत खून बहाया और धन भी खर्च किया. जब तक मैंने कार्यकाल संभाला, अफगानिस्तान में युद्ध का सातवां साल चल रहा था.’

ओबामा ने कहा, ‘लेकिन अल-कायदा के नेता पाकिस्तान भाग गए और वहां बैठकर हमलों की नई-नई साजिशें रचने लगे. तालिबान भी दोबारा एकजुट होकर खतरनाक होने लगा. हमारे सैन्य कमांडरों ने चेतावनी दी कि बिना नई रणनीति और निर्णयात्मक कार्रवाई के हमें फिर से सिर उठा रहे अल-कायदा और अफगानिस्तान के बड़े हिस्से पर कब्जा जमा रहे तालिबान का सामना करना पड़ सकता है.’

ओबामा ने कहा कि इसी कारण के चलते, ‘मैंने राष्ट्रपति के तौर पर अब तक का सबसे कठिन फैसला करते हुए अफगानिस्तान में अमेरिकी सुरक्षा बलों के 30,000 अतिरिक्त जवान भेजने का आदेश दिया.’

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उन्होंने कहा कि जब उन्होंने इस बारे में घोषणा की, तब अमेरिका के स्पष्ट उद्देश्य थे, अल-कायदा पर दोबारा ध्यान केंद्रित करना, तालिबान को दोबारा मजबूत न होने देना और अफगान सुरक्षा बलों को प्रशिक्षण देना, ताकि वे अपने देश की रक्षा खुद कर सकें.

ओबामा ने कहा, ‘मैंने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि हमारी प्रतिबद्धता खुले दिल से होगी और हम जुलाई से अपने सुरक्षा बल हटाने शुरू कर देंगे.’

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