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चुनावी मौसम में मर्यादा भूले उद्धव ठाकरे

सियासत में लोगों की नजर सिर्फ और सिर्फ वोट पर होती है और इस चक्कर में वे जुबान पर नियंत्रण खो बैठते हैं. महाराष्ट्र के नेताओं में सियासी लड़ाई तेज हो गई है क्योंकि बीएमसी चुनाव नजदीक है.

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उद्धव ठाकरे
उद्धव ठाकरे

सियासत में लोगों की नजर सिर्फ और सिर्फ वोट पर होती है और इस चक्कर में वे जुबान पर नियंत्रण खो बैठते हैं. महाराष्ट्र के नेताओं में सियासी लड़ाई तेज हो गई है क्योंकि बीएमसी चुनाव नजदीक है.

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ताजा मामला शिवसेना के उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के संजय निरूपम के बीच हुई जुबानी जंग का है. उद्धव ठाकरे ने संजय निरूपम पर निशाना साधते हुए कहा है कि वो उनके दांत तोड़कर पेट में डाल देंगे, उत्तर भारतीय संजय निरूपम की जागीर नहीं हैं.

वार पलटवार जारी है और निरूपम का कहना है कि दांत तोड़ने की बात वे भी कह सकते हैं. लेकिन कहेंगे नहीं. वैसे ध्यान देने की बात ये है कि अबकि उद्धव ठाकरे भी खुद को उत्तर भारतीयों का हितैषी बता रहे हैं. सवाल उठना लाजिमी है- मामला हितैषी होने का है या फिर चुनावी मौसम में खुद को हितैषी दिखाने का?

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