पूर्व भाजपा नेत्री उमा भारती ने कहा कि गंगा नदी को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग को लेकर वह मानसून सत्र के दौरान संसद के समक्ष धरना देंगी.
उमा भारती ने कहा, ‘उत्तराखंड के मुख्यमंत्री निशंक द्वारा धारीदेवी को डूब क्षेत्र में नहीं आने देने की सरकारी घोषणा के साथ ही मेरे समग्र गंगा आन्दोलन का पहला चरण पूरा हो गया है.’ उन्होंने कहा कि अब अगले चरण में मानसून सत्र के दौरान संसद के समक्ष धरना देकर गंगा को राष्ट्रीय धरोहर बनाये जाने का दबाव सरकार पर बनाया जायेगा.
उन्होंने कहा इससे पूर्व गंगा नदी की समग्र रक्षा के लिए इसके प्रवाह क्षेत्र के तमाम सांसदों, राज्यों के सत्तारुढ और विपक्षी दलों के पार्टी अध्यक्षों को पत्र लिखकर और व्यक्तिगत तौर पर सम्पर्क किया जायेगा.
इस संबंध में 28 और 29 मई को हरिद्वार में ही एक सेमीनार का आयोजन भी उमा भारती द्वारा किया जा रहा है, जिसमें 29 मई को अगले चरण के समग्र गंगा आंदोलन की रूप रेखा तैयार की जायेगी.
इसमें गंगा नदी के लिए काम करने वाली संस्थायें, पर्यावरणविद और सामाजिक संस्थाओं से जुड़े लोग ‘गंगा, रोजगार और हिमालय का स्वरूप’ विषय पर चर्चा करेंगे.