मध्यप्रदेश से लाव लश्कर समेत उत्तरप्रदेश में डटी बीजेपी की तेज तर्रार नेता उमा भारती ने मुख्यमंत्री पद पर जारी किचकिच के बीच कहा कि जिसे पार्टी विधायक तय करेंगे, वही नेता होगा.
बीजेपी के सत्ता में आने पर स्वयं के मुख्यमंत्री बनने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह इस परिचर्चा में नहीं पड़ना चाहती.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अभियान को लेकर पार्टी के शीर्ष नेताओं की बेरूखी की खबरों को सिरे से खारिज करते हुए उमा भारती ने कहा कि पार्टी में कई सक्षम नेता हैं, कोई गुटबाजी नहीं है और यही पार्टी की मजबूती है. पार्टी के सभी नेता एक इकाई के रूप में काम कर रहे हैं और शानदार सफलता प्राप्त करेंगे.
उत्तरप्रदेश में बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘जो पार्टी के विधायक तय करेंगे, वही नेता होगा. मैं इस परिचर्चा में नहीं पड़ना चाहती.’
उमा ने चरखारी से कहा, ‘मेरा मानना है कि अगर किसी पार्टी में एक ही व्यक्ति मुख्यमंत्री या एक ही व्यक्ति प्रधानमंत्री पद के लायक हो, तो यह उस पार्टी की कमजोरी का परिचायक है. बीजेपी में कई सक्षम नेता हैं. यही पार्टी की मजबूती है जिसे उल्टा पेश किया जाता है.’
उन्होंने कहा, ‘प्रथम चरण का चुनाव आठ फरवरी को है. सभी प्रमुख नेता चुनाव प्रचार कर रहे हैं. गडकरी पहले से ही प्रचार में जुटे हैं. सुषमा स्वराज भी प्रचार कर रही हैं. अरूण जेटली ने तो यहां डेरा ही डाल लिया है. आडवाणी भी प्रचार करने आ रहे हैं.’ उमा से वरिष्ठ नेताओं के चुनाव प्रचार के लिए उत्तरप्रदेश नहीं आने और गुटबाजी की खबरों के बारे में पूछा गया था.
उन्होंने कहा, ‘1991 के बाद (राम मंदिर आंदोलन) मैं पहली बार उत्तर प्रदेश में बीजेपी के लिए लोगों में इतना उत्साह देख रही हूं. यहां काफी सकारात्मक माहौल है.’
अल्पसंख्यकों को ओबीसी कोटे में 4.5 प्रतिशत आरक्षण देने के केंद्र के फैसले का उत्तरप्रदेश चुनाव में पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर बीजेपी की तेज तर्रार नेता ने कहा, ‘ओबीसी कोटे में अल्पसंख्यकों को आरक्षण केवल चुनावी शिगूफा है. मायावती और मुलायम इसे बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने की बात कर रहे हैं जो संविधान के तहत संभव नहीं है.’
उमा ने कहा, ‘मुस्लिम मतदाता सभी बातों को समझता है, वह इनके झांसे में नहीं आयेगा. उत्तरप्रदेश में इसका सबसे अधिक लाभ बीजेपी को हो रहा है. कांग्रेस की चाल लोग समझ गए हैं.’
बीजेपी के भ्रष्टाचार का विरोध करने और बसपा से निष्काषित पूर्व मंत्री कुशवाहा को पार्टी में लेने संबंधी प्रकरण के बारे में पूछे जाने पर उमा ने कहा कि कुशवाहा ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है और पार्टी से अपनी सदस्यता स्थगित करने का अनुरोध किया है. वह अपने आप को निर्दोष साबित करने का मौका चाहते हैं और इस विषय में पहल भी की है.
उत्तरप्रदेश में उन्हें बाहरी व्यक्ति बताये जाने के बारे में पूछे जाने पर उमा ने प्रश्न किया, ‘किसने कहा मैं बाहरी हूं.’ इस संबंध में बीजेपी नेता कलराज मिश्रा, कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की टिप्पणी का उल्लेख किये जाने पर उन्होंने कहा, ‘कलराज मिश्रा ने इसका खंडन किया है. राहुल ने खंडन नहीं किया.’ उमा भारती ने कहा, ‘मैं पूछती हूं कि राहुल कहां के हैं. मोती लाल नेहरू कहां के थे, सोनिया कहां की है और प्रियंका कहां की हैं.’
उमा ने कहा कि यह कोई विषय ही नहीं है. राज्य में स्वच्छ, प्रभावी शासन और विकास सबसे महत्वपूर्ण है. उत्तरप्रदेश में त्रिशंकु विधानसभा आने की स्थिति में बसपा, सपा या किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘न हम किसी का साथ देंगे और न हम किसी का साथ लेंगे. इसकी घोषणा पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी कर चुके हैं और यही पूरी पार्टी की नीति है.’
उनके विरोधी माने जाने वाले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के उनके पक्ष में प्रचार करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मैंने भी उनके लिए प्रचार किया है. वह भी मेरे लिये प्रचार करेंगे. हम सब मिलकर काम करेंगे. हम भाई बहन की तरह हैं.’
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बीजेपी की वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में उच्चतम न्यायालय का फैसला ऐतिहासिक है. टू जी देश को डूबा देने वाला घोटाला है जिसने पूरे देश को लूटा है.’ उन्होंने कहा, ‘इस लूट (टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले) की तुलना दुनिया में किसी और घोटाले से नहीं की जा सकती है.’