केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने शुक्रवार को कहा कि संसदीय प्रवर समिति यदि अपनी सिफारिशें तय समय से पहले दे देती है, तभी संसद के मानसून सत्र में लोकपाल विधेयक लाया जा सकता है. इसलिए इसकी कोई निश्चितता नहीं है.
यह दोहराते हुए कि सरकार इस विधेयक को पारित कराने के लिए प्रतिबद्ध है, बंसल ने संवाददाताओं से कहा कि राज्यसभा की प्रवर समिति को सत्र के अंतिम सप्ताह के पहले दिन तक अपनी सिफारिशें देने को कहा गया है. यदि समिति सत्र के मध्य तक अपनी रिपोर्ट दे दती है तो संसद में इस विधेयक को लाया जाना संभव है.
गौरतलब है कि संसद का मानसून सत्र आठ अगस्त से शुरू होगा और सात सितम्बर तक चलेगा. बंसल ने कहा कि यदि रिपोर्ट तय तिथि को दी जाती है तो सरकार के लिए महज चार दिनों में उस पर विचार-विमर्श पूरी करना कठिन होगा. उन्होंने कहा कि जो विधेयक तैयार हैं वे सत्र के दौरान संसद में लाए जाएंगे. सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा कराना चाहती है.
बंसल ने कहा कि संसद में पारित किए जाने वाले 31 विधेयक सूची में हैं जो ठेका आवंटन, बैंकिंग कानून, भूमि अधिग्रहण और महिला आरक्षण से संबंधित हैं. उन्होंने कहा कि सूची में शामिल अन्य विधेयकों में शैक्षिक न्यायाधिकरण विधेयक, ह्विसिल ब्लोअर सुरक्षा विधेयक, खनन विधेयक और विदेशी अधिकारियों की रिश्वतखोरी निरोधक विधेयक शामिल हैं.
एक प्रश्न के जवाब में बंसल ने कहा कि बीमा विधेयक और पेंशन राशि नियामक एवं विकास प्राधिकरण विधेयक एजेंडे में शामिल नहीं है. उन्होंने कहा कि कुल 118 विधेयक विभिन्न चरणों में विचाराधीन हैं.
उल्लेखनीय है कि लोकपाल विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है. यदि सरकार प्रवर समिति की सिफारिशों से सहमत हो जाती है तो विधेयक को पारित कराने के लिए फिर से लोकसभा में लाया जाएगा.