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बच्चो में कुपोषण की समस्या राष्ट्रीय शर्म की बात: मनमोहन सिंह

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि तेजी से प्रगति कर रहे भारत के लिए यह राष्ट्रीय शर्म की बात है कि उसके 42 फीसदी बच्चों का वजन सामान्य से कम है.

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मनमोहन सिंह
मनमोहन सिंह

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि तेजी से प्रगति कर रहे भारत के लिए यह राष्ट्रीय शर्म की बात है कि उसके 42 फीसदी बच्चों का वजन सामान्य से कम है.

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प्रधानमंत्री का मानना है कि सरकार इस मुद्दे के समाधान के लिए सिर्फ एकीकृत बाल विकास योजनाओं (आईसीडीएस) पर निर्भर नहीं रह सकती.

आईसीडीएस शिशुओं के विकास के लिए संचालित कार्यक्रम है. प्रधानमंत्री ने भूख और कुपोषण पर रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, ‘कुपोषण की समस्या राष्ट्रीय शर्म की बात है. हमारे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में तेजी से वृद्धि के बावजूद, पोषण का स्तर सामान्य से इतना कम होना अस्वीकार्य है.’

उन्होंने इस बात को माना कि भारत ने कुपोषण के स्तर में कमी लाने में पर्याप्त प्रगति नहीं की है. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हालांकि आईसीडीएस कुपोषण से लड़ने में हमारा सबसे अहम हथियार बना हुआ है, लेकिन, हम सिर्फ इस पर निर्भर नहीं रह सकते.’

आईसीडीएस छह साल से कम के बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण जरूरतों को पूरा करने का राष्ट्रीय कार्यक्रम है. हंगामा रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चों में कम वजन के मामले पिछले सात साल में 53 फीसदी से घट कर 42 फीसदी रह गए हैं और इसमें 2.9 फीसदी की औसत वार्षिक दर से गिरावट आ रही है.

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सर्वेक्षण में कहा गया है कि 100 जिलों में बाल कुपोषण की दर अब भी अस्वीकार्य रूप से उच्च है. इन जिलों में लगभग 40 फीसदी से ज्यादा बच्चों का वजन सामान्य से कम है और लगभग 60 फीसदी का कद औसत से कम है.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमें ऐसे जिलों पर ध्यान देने की जरूरत है, जहां कुपोषण का स्तर बहुत अधिक है और कुपोषण का कारण बनने वाली स्थितियां लगातार कायम हैं.’

सिंह ने कहा कि नीति निर्माताओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन करने वाले लोगों को आपस में जुड़ी कई चीजों, जैसे शिक्षा और स्वास्थ्य, स्वच्छता और आरोग्य एवं पेयजल और पोषण के बीच संबंध समझने की जरूरत है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां एक ओर सर्वेक्षण रिपोर्ट कुपोषण का उच्च स्तर बताती है, वहीं इससे यह भी जानकारी मिलती है कि इस समस्या से अधिक ग्रसित जिन 100 जिलों में विशेष ध्यान दिया गया है वहां पिछले सात साल में ऐसे हर पांच में से एक बच्चे का वजन स्वस्थ वजन के स्तर पर पहुंच गया है.

उन्होंने कहा, ‘बहरहाल, मुझे जो बात चिंता का सबब लगती है, वह यह है कि हमारे 42 फीसदी बच्चों का वजन सामान्य से कम है. यह बहुत अधिक है, जो अस्वीकार्य है.’

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नांदी फाउंडेशन की ओर से किए गए सर्वेक्षण पर आधारित यह रिपोर्ट सिटीजंस एलायंस अगेंस्ट मालन्यूट्रिशन के कहने पर तैयार की गई है. प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार एक मजबूत आईसीडीएस शुरू करने की दिशा में काम कर रही है. इसके अलावा जिन 200 जिलों पर भार बहुत ज्यादा है, उनके लिए एक बहुक्षेत्रीय कार्यक्रम और कुपोषण के खिलाफ राष्ट्रव्यापी संचार अभियान शुरू करने की भी योजना है. रिपोर्ट प्रधानमंत्री के आवास पर जारी की गई.

इस समारोह के दौरान केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट, फिल्मकार से सांसद बने श्याम बेनेगल, अभिनेता राहुल बोस, गायिका पीनाज मसानी और शाहनवाज हुसैन समेत कई सांसद मौजूद थे.

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