राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन संबंधी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट को लेकर संसद के दोनों सदनों का काम काज मंगलवार को लगातार दूसरे दिन भी प्रभावित रहा.
इस हंगामे के कारण लोकसभा की बैठक तीन बार के स्थगन के बाद शाम को निर्धारित समय से एक घंटा पहले तो राज्यसभा की बैठक चार बार के स्थगन के बाद करीब 40 मिनट पहले ही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी.
कैग रिपोर्ट को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण दोनों सदनों के कामकाज में न केवल कई बार बाधा पैदा हुई बल्कि इस सप्ताह लगातार दूसरे दिन किसी भी सदन में प्रश्नकाल नहीं चल सका. लोकसभा और राज्यसभा की बैठकें सुबह शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद हंगामे के कारण दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.
इससे पूर्व विपक्षी राजग सदस्यों ने दोनों सदनों में अध्यक्ष के आसन के समक्ष आकर शीला दीक्षित को हटाने को लेकर जमकर नारेबाजी की. लोकसभा में समाजवादी पार्टी सदस्यों ने कथित फर्जी मुठभेड़ के मामले को लेकर उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार की बख्रास्तगी की मांग को लेकर नारेबाजी की.
दोपहर 12 बजे भी लोकसभा में हंगामा जारी रहा और आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखवाने के बाद कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई, वहीं राज्यसभा में राष्ट्रमंडल खेलो के आयोजन को लेकर खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अजय माकन के बयान पर अल्पकालिक चर्चा शुरू हो गयी.
चर्चा के दौरान भाजपा के कुछ सदस्यों द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ की गयी टिप्पणी से खफा सत्तापक्ष के सदस्यों के भारी हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही को दो बार स्थगित करना पड़ा. भाजपा सदस्य विजय कुमार रूपानी ने हालांकि इसके लिए बाद में माफी मांग ली.
लोकसभा में दोपहर दो बजे नियम 193 के तहत माकन के बयान पर चर्चा शुरू हुई जो करीब ढाई घंटे तक चलती रही लेकिन इसी दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा द्वारा निर्दलीय सदस्य मधु कोड़ा के खिलाफ की गयी एक आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर सदन में भारी हंगामा शुरू हो गया.
पीठासीन सभापति सतपाल महाराज ने हंगामा थमते नहीं देख बैठक करीब 25 मिनट के लिए शाम पांच बजे तक स्थगित कर दी. पांच बजे बैठक पुन: शुरू होने पर लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने दिल्ली में प्रदर्शनरत भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं पर कथित पुलिस लाठीचार्ज का मामला उठाया.
इस मामले पर भाजपा सदस्यों ने कड़ा विरोध जताया और हंगामा किया जिसके चलते करीब चार मिनट बाद ही पीठासीन सभापति गिरिजा व्यास ने लोकसभा की बैठक दिनभर के लिए स्थगित कर दी. इसी मुद्दे पर राज्यसभा की बैठक को भी करीब पांच बजे 15 मिनट के लिए स्थगित करने के बाद पांच बजकर 20 मिनट पर निर्धारित समय से 40 मिनट पूर्व दिनभर के लिए स्थगित कर देना पड़ा.
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