केंद्रीय मंत्री हरीश रावत ने आज इस बात का संकेत देते हुए अपने समर्थकों से सलाह मशविरा किया कि उत्तराखंड कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद खत्म नहीं हुआ है. इसके साथ उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह पार्टी नहीं छोड़ेंगे.
उन्होंने यहां अपने आवास पर पत्रकारों से कहा कि मैं हमेशा पार्टी के प्रति वफादार रहा हूं. मैं पार्टी में न्याय में विश्वास करता हूं. मैं 40 साल से पार्टी में हूं और मैं कभी बाहर नहीं गया.
रावत ने कहा कि मैं संतुष्ट हो गया होता यदि उन्होंने (कांग्रेस आलाकमान) मुझे यह बता दिया होता कि (मुख्यमंत्री के लिए) मेरे नाम पर विचार नहीं किया जा रहा.
रावत के करीबी सूत्रों ने बताया कि उनका समर्थन करने वाले विधायकों की संख्या अब 16 से बढ़कर 19 हो गई है तथा अन्य विधायकों के भी उनके खेमे में आने की संभावना है. 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस को जहां 32 सीटें मिली थीं, वहीं भारतीय जनता पार्टी के खाते में 31 सीटें गई थीं.
उनके (रावत) निवास पर अन्य समर्थकों को समायोजित करने के प्रबंध किए जा रहे हैं जो उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों से आ रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि रावत के साथ आज उनका समर्थन करने वाले कांग्रेस के काफी विधायक हैं और वह भविष्य की कार्रवाई की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं.