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वाराणसी विस्फोट: पहचानी गई दुधमुंही बच्ची

शीतला घाट पर गत सात दिसंबर की शाम हुये बम विस्फोट के बाद मिली दुधमुंही बच्ची के ठौर का पता चल गया है लेकिन उसके माता-पिता अब भी लापता हैं. फिलहाल लगभग डेढ़ वर्षीय बच्ची पिछले तीन दिनों से सिगरा स्थित चाइल्ड लाइन में रखी गयी है.

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शीतला घाट पर गत सात दिसंबर की शाम हुये बम विस्फोट के बाद मिली दुधमुंही बच्ची के ठौर का पता चल गया है लेकिन उसके माता-पिता अब भी लापता हैं. फिलहाल लगभग डेढ़ वर्षीय बच्ची पिछले तीन दिनों से सिगरा स्थित चाइल्ड लाइन में रखी गयी है.

अपर जिलाधिकारी (नगर) अटल कुमार राय ने आज बताया कि अखबारों एवं चैनलों पर बच्ची का फोटो दिखाये जाने के बाद भेलूपूर थानांतर्गत जवाहर नगर एक्सटेंशन में रहने वाले कुछ लोगों ने बच्ची की वहीं कल्लू राजभर के मकान में किराये का कमरा लेकर रहने वाले सुरक्षा गार्ड नीलेश पाण्डेय उर्फ टुनटुन एवं गीता की छोटी पुत्री के रूप में पहचान की है.

भेलूपुर थानाध्यक्ष ने बताया कि बच्ची को उक्त मकान में ले जाने पर मकान मालिक व आस. पास के लोगों ने पहचाना. पास पड़ोस के लोगों के अनुसार नीलेश खुद का सुरक्षा गार्ड बताता था. उसकी बड़ी बेटी रिया 11 वर्ष की है. हालांकि नीलेश के कमरे पर उसी दिन से ताला लगा है. मकान मालिक का कहना है कि नीलेश अपनी पत्नी व दोनों बेटियों को लेकर बलिया जाने की बात कहकर निकला था.

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इधर चाइल्ड लाइन की केंद्र समन्वयक सिस्टर लिंसी ने बताया कि मकान मालिक के हवाले से मिले एक मोबाइल चंबर पर जब बात की गयी तो जबाव देने वाले ने खुद को बलिया में होना बताया. लेकिन बच्ची के बारे में पूछताछ पर उसने सिर्फ इतना ही कहा कि उसकी बच्ची मर चुकी है. इसके साथ ही फोन काट दिया. उसके बाद उक्त मोबाइल बंद कर दिया गया. पुलिस उक्त मोबाइल को सर्विलांस पर लेकर बच्ची की माता. पिता के बारे में छानबीन कर रही है.

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