गुजरात के मुसलमानों को 2002 के दंगों को भूलकर आगे बढ़ने की सलाह देने से विवादों में आए दारुल उलूम देवबंद के कुलपति मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी को पद से हटा दिया गया. मौलाना अबुल कासिम नोमानी को नया कुलपति नियुक्त किया गया.
नवनियुक्त कुलपति मौलाना नोमानी ने बताया, ‘आज शूरा ने चार के मुकाबले नौ मतों के अंतर से उन्हें (वस्तानवी) हटाने का फैसला किया. मुझे नया कुलपति नियुक्त किया गया है.’
इसी साल 10 जनवरी को दारुल उलूम देवबंद के कुलपति बनने वाले वस्तानवी ने कहा था कि गुजरात के मुसलमानों को 2002 के दंगों को भूलकर आगे बढ़ना चाहिए, हालांकि उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने से इंकार किया था. उनके इस बयान के बाद विवाद खड़ा हुआ.
बीते 23 फरवरी को शूरा ने ही इस विवादास्पद मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था. इसमें मुफ्ती मंजूर अहमद (कानपुर), मुफ्ती इस्माइल (मालेगांव) और मौलाना मलिक मोहम्मद इब्राहीम (चेन्नई) शामिल थे.
तीनों सदस्यों में एक राय न बन पाने की वजह से शूरा के समक्ष तीन रिपोर्ट पेश की गई थी. वस्तानवी पर फैसले को लेकर शूरा की बैठक में मौजूद 13 सदस्यों (वस्तानवी को छोड़कर) में मतभेद हो गए. आखिर में नौ सदस्यों की राय के मुताबिक वस्तानवी को हटाने का फैसला हुआ.