मशहूर फिल्म निर्माता-निर्देशक यश चोपड़ा का निधन हो गया है. यश चोपड़ा डेंगू की वजह से पिछले कुछ दिनों से बीमार थे.
लीलावती अस्पताल में ली आखिरी सांस
यश चोपड़ा ने मुंबई के लीलावती अस्पताल में आखिरी सांस ली. उन्हें बीते 13 अक्टूबर को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. वरिष्ठ डॉक्टरों के अथक प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका.
कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति
बॉलीवुड को कई सुपरहिट फिल्में देने वाले यश चोपड़ा का निधन फिल्म और कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है. बहरहाल, उनके निधन से बॉलीवुड में शोक की लहर देखी जा रही है.
शाहरुख को दिया था यादगार इंटरव्यू
यश चोपड़ा ने हाल ही में अभिनेता शाहरुख खान को अपना इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने अपने रिटायरमेंट का एलान किया था.
यश चोपड़ा का जीवन-वृत
दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध फिल्म निर्माता-निर्देशक एवं पटकथा लेखक यश चोपड़ा का रविवार को 80 वर्ष की उम्र में निधन हुआ. उनके परिवार में पत्नी पामेला चोपड़ा एवं दो लड़के आदित्य एवं उदय हैं. फिल्म के क्षेत्र में अपने अविस्मरणीय योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें 2001 में दादा साहब फाल्के एवं 2005 में पद्म भूषण से सम्मानित किया.
यशराज चोपड़ा का जन्म 21 सितम्बर 1932 को अविभाजित भारत के लाहौर शहर में हुआ था. यश राज ने अपना फिल्मी करियर अपने बड़े भाई बी.आर. चोपड़ा (बल राज चोपड़ा) के सहायक के तौर पर किया.
यशराज ने बीआर फिल्म्स के तले बनी फिल्म 'धूल का फूल' के जरिए निर्देशन के क्षेत्र में सफलतापूर्वक कदम रखा. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. यश ने बीआर फिल्म्स की जबरदस्त सफल फिल्म 'वक्त' के अलावा अमिताभ बच्चन अभिनीत 'दीवार' का भी निर्देशन किया. इस फिल्म ने अमिताभ को एंग्री यंग मैन के खिताब से नवाजा.
यशराज ने 1973 में यशराज फिल्म्स से खुद का बैनर स्थापित किया और एक से बढ़कर एक फिल्में दी. प्रेम कहानी को पिरोने के जादूगर यशराज ने 'दाग', 'त्रिशूल', 'कभी-कभी', 'चांदनी', 'डर', 'दिल तो पागल है', 'मोहब्बतें' एवं 'वीर जारा' जैसी फिल्मों का निर्माण एवं निर्देशन किया. यशराज की फिल्में अपने संगीत के जरिए दर्शकों के दिलों में जगह बनाने में कामयाब रहीं.
इस दिनों यश चोपड़ा 'जब तक है जान' की शूटिंग में व्यस्त थे. स्वास्थ्य खराब होने के कारण फिल्म की शूटिंग के कुछ हिस्सों की शूटिंग को रोक दिया गया था. उन्होंने इस फिल्म के साथ ही फिल्म निर्माण से संन्यास की घोषणा कर दी थी. यशराज को अपने 50 साल के फिल्मी करियर छह राष्ट्रीय पुरस्कार एवं 11 फिल्म फेयर पुरस्कारों से नवाजा गया था.